Chardham Yatra 2022: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) में उमड़ी भारी भीड़ के बीच जहां कई श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले घोड़े-खच्चरों का भी बुरा हाल है. इन जानवरों के लिए खाने पीने से लेकर उचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से पिछले कुछ दिनों करीब 60 खच्चरों की मौत हो चुकी है. जिसे लेकर अब प्रशासन सतर्क हो गया है. सचिव पशुपालन ने यात्रा मार्ग के जिलाधिकारी के निर्देशित किया है कि एक खच्चर से दिन में एक ही बार यात्रा कराई जाए और इन आदेशों का सख्ती से पालन होना चाहिए. 


घोड़े-खच्चरों की मौत पर सख्त हुआ प्रशासन


दरअसल केदारनाथ और यमुनोत्री के पैदल मार्ग पर खच्चरों के जरिए ही समान ढुलाई होती है, इसके साथ ही कई श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं. इस बार केदारनाथ यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंच रहे हैं. ऐसे हालात में ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में इन खच्चरों के मालिक इनसे ज्यादा काम करवा रहे हैं. यही नहीं ज्यादा काम होने की वजह से इनके खाने-पीने का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है जिसके वजह से इनकी दर्दनाक मौत हो रही हैं. कई बार तो इन खच्चरों से पैदल मार्ग पर दो-दो फेरे लगाए जाते हैं. एक तरफ मौसम की मार और दूसरी तरफ जरुरत से ज्यादा बोझ उठाने से भी इनकी हालत खराब हो रही है. 


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यात्रामार्ग जिलाधिकारी को दिए ये निर्देश
इन तमाम हालात को देखते हुए पशुपालन सचिव बीवी आरसी पुरुषोत्तम ने अब सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्होंने यात्रा मार्ग के जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि एक खच्चर को दिन में एक बार यात्रा कराने का आदेश दिया है, इसके साथ ही मृत पशुओं के मालिकों को 1 लाख रुपए मुआवजा देने का एलान किया है. 


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