Chardham Yatra 2022: स्लॉट बुक करने में आ रही दिक्कतें, एमपी के श्रद्धालुओं को जारी हुआ एक दिन में चारों धाम के दर्शन का स्लॉट
Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा में भीड़ को देखते हुए सरकार ने स्लाट व्यवस्था लागू की है. लेकिन इस व्यवस्था से यात्री चारों धामों में एकसाथ दर्शन नहीं कर पा रहे हैं.
Chardham Yatra 2022: इस साल चारधाम धाम (Chardham Yatra) यात्रा में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. इसी को देखते हुए सरकार ने यात्रा के रास्तों पर जाम और अन्य अव्यवस्थाओं के लिए दर्शनों को लेकर स्लाट बुक करने की व्यवस्था की है. लेकिन फिर भी श्रद्धालुओं को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. वहीं श्रद्धालुओं को दर्शन के ऐसे स्लाट मिल रहे हैं जिनसे वो चारधामों के दर्शन तक नहीं कर पा रहे.
चारधाम यात्रा में लागू स्लाट व्यवस्था
बता दें कि चारधाम की यात्रा के दौरान सबसे पहले श्रद्धालु यमुनोत्री के दर्शन करते है फिर गंगोत्री, उसके बाद केदारनाथ और आखिर में बदरीनाथ धाम के दर्शन किए जाते हैं. ऐसे में पहले सभी यात्रियों के लिए पहले रजिस्ट्रेशन द्वारा धामों पर जाने की व्यवस्था की गई थी. लेकिन अब भीड़ को देखते हुए सरकार ने स्लाट बुक करने की व्यवस्था लागू कर दी है. जिससे रजिस्ट्रेशन करवा चुके और आने वाले दिनों में यात्रा की प्लानिंग कर रहे श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है.
स्लाट व्यवस्था यात्रियों के लिए बनी मुसीबत
दरअसल इस व्यवस्था के बाद स्लाट तो बुक हो गए लेकिन स्लाट की संख्या धामों में अलग-अलग होने के कारण श्रद्धालुओं को यात्रा रूट के हिसाब से स्लाट नहीं मिल पा रहे. खासकर चारों धाम दर्शनों के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को इससे सबसे ज्यादा असुविधा हो रही है. जो श्रद्धालु स्लाट बुक करवा रहे हैं उन्हें पहले गंगोत्री, इसके बाद बदरीनाथ, फिर केदारनाथ और आखिर में यमुनोत्री दर्शनों का स्लाट मिल रहा है. इसके साथ ही कई स्लाट में तो पांच से दस दिन तक का अंतर है.
एमपी के यात्रियों को मिला एक दिन में चारों धाम का स्लाट
इसी बीच मध्य प्रदेश के 64 सदस्यों वाले दल को सरकार ने एक ही दिन में चारों के दर्शन करने का स्लाट बुक कर दिया. वहीं जब यात्रियों को इस बात की जानकारी मिली तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि एक दिन सभी धामों के दर्शन कर पाना नामुमकिन है. बता दें कि ये सभी धाम अलग-अलग रूट पर है. दल के मुखिया मुन्नालाल गर्मन ने बताया कि, धामों में स्लाट व्यवस्था तो सही है, लेकिन ऐसे अव्यावहारिक स्लाट आवंटन का क्या फायदा.
10 की जगह 12 से 16 दिन की हुई यात्रा
बता दें कि चारधाम की यात्रा दस दिन की होती है, लेकिन स्लाट व्यवस्था लागू होने के बाद धामों का क्रम बदलने और लगातार स्लाट ना होने की वजह से यात्रा पर जाने वाली कई बसों को अब 12 से 16 दिन में वापस आना पड़ रहा है. वहीं बात करें एमपी के खरगौन की तो यहां से चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे 42 यात्रियों को इस 12 दिन की यात्रा करनी पड़ेगी. इस दल के मुखिया गजानन ने बताया कि उन्हें 18 मई को केदारनाथ, 21 मई को बदरीनाथ, 17 मई को गंगोत्री और 26 मई को यमुनोत्री का स्लाट मिला है. इसकी वजह से अब उन्हें दो दिन और यात्रा करनी पड़ेगी.
इन राज्यों के यात्रियों को हो रही परेशानी
इसके अलावा महाराष्ट्र के औरंगाबाद से चारधाम यात्रा पर आए 150 श्रद्धालुओं के दल के मुखिया गिरी तानाजी ने बताया कि उन्हें 21 मई को बदरीनाथ, इसके बाद गंगोत्री फिर बदरीनाथ और आखिर में यमुनोत्री का स्लाट मिला है. इस स्लाट की वजह से उन्हें दो-दो बार अलग-अलग रूट पर यात्रा करनी पड़ेगी और ये यात्रा 16 दिन में पूरी होगी. वहीं, एमपी के खांडवा के 120 यात्रियों के दल को 18 मई को केदारनाथ, 19 मई को यमुनोत्री, 22 को गंगोत्री और 23 मई को बदरीनाथ में दर्शनों का स्लाट मिला है. दल के मुखिया जितेंद्र परिहार बताते हैं कि जो स्लाट उन्हें मिला है, उसमें यात्रा बिल्कुल भी संभव नहीं है.
जल्द पूरी होगी यात्रा की कमिंया
वहीं जब इन कमियों के बारे में पर्यटन एंव धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज को बताया गया तो, उन्होंने कहा कि, चारधाम यात्रा में जो कमियां है, उन्हें दूर किया जाएगा. ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि धामों की वहन क्षमता के दृष्टिगत बुकिंग पूरी होने पर बाकी को प्रतीक्षा सूची में रखा जाए. जो भी आगे स्लाट मिले, उसी के अनुरूप पंजीकरण हो. इसके साथ ही ये भी देखा जाएगा कि चारों धाम जाने वालों के लिए कुछ अलग व्यवस्था हो. मेरा यात्रियों से ये भी अनुरोध है कि वो उच्च हिमालयी क्षेत्र की परिस्थितियों को देखते हुए यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं.