Dehradun News: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) जहां अपने शबाब पर है, भारी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंच रहे हैं. वहीं उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री के उत्तराखंड से गायब होने की बात कही जा रही है. बात सिर्फ पर्यटन मंत्री की नहीं है बल्कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत भी कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं. ऐसे में यात्रा में हो रही अव्यवस्था को लेकर विपक्ष ने भी आप सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
हर साल यात्रा सीजन में उत्तराखंड से बाहर चले जाते हैं सतपाल महाराज
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को शुरू हुए हफ्ते भर से ज्यादा का वक्त हो चुका है. यात्रा की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालुओं की कुछ शिकायतें भी अव्यवस्थाओं को लेकर सुनने को मिल रही हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि उत्तराखंड के पर्यटन और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज कहीं दिखाई नहीं दे रहें हैं, जिससे सवाल उठ रहें है. बात सिर्फ सतपाल महाराज की ही नहीं है बल्कि इस बार तो स्वास्थ्य मंत्री भी प्रदेश से नदारद हैं. एक तरह जहां प्रदेश में चार धाम यात्रा पूरे शबाब पर दिखाई दे रही है और 10 दिनों के भीतर 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन कर लिए हैं, तो फिर उत्तराखंड के पर्यटन और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज कहां गायब है.
चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद महाराज न तो प्रदेश में और न ही व्यवस्थाओं को परखने के लिए चारों धामों में से किसी भी एक धाम में दिखाई दिए हैं, जिससे सवाल उठ रहें है कि क्या पर्यटन और धर्मस्व मंत्री को उत्तरखंड में चल रही चारधाम यात्रा से कोई मतलब है. विपक्ष भी चारधाम यात्रा की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए पर्यटन और धर्मस्व मंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की भूमिका पर सवाल उठा रहा है.
जिम्मेदार महकमे के मंत्री प्रदेश से क्यों गायब हैं?
इस बात में विपक्ष की सच्चाई भी नजर आ रही है कि पिछले साल की तरह इस साल भी प्रदेश के पर्यटन मंत्री चारधाम यात्रा शुरू होते ही गायब हो गए हैं. हालांकि यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार मॉनिटरिंग में कर रहे हैं. उसके लिए 3 आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, लेकिन जिस मंत्री के पास धर्मस्व और पर्यटन विभाग का जिम्मा है उनकी खुद की जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसे वक्त पर उत्तराखंड में रहें. हालांकि भाजपा भी दबी जुबान में ही सही पर्यटन मंत्री का बचाव करते हुए नजर आ रही है कि यात्रा से पहले सतपाल महाराज ने व्यवस्थाओं को परखने के लिए कई बैठके की हैं.
22 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अबतक ढाई लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं. ऐसे में मई और जून में यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं मौसम की वजह से यात्रा में दिक्कतें आ रही हैं, खासकर केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालु बर्फबारी के बीच दर्शनों के लिए घंटो लाइन में लगते हैं. साथ ही यात्रा मार्गों में भी व्यवस्थाएं हैं, ऐसे में यह सवाल खड़ा होने लगा है कि जिम्मेदार महकमे के मंत्री प्रदेश से क्यों गायब हैं, क्या इस वक्त उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह यात्रा में व्यवस्थाओं को संचालित करें.