Chardham Yatra 2023: केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) की 16 किमी कठिन पैदल यात्रा करते समय रास्ते में अपनों से बिछड़ रहे यात्रियों को उनके परिजनों से मिलाने और बीमार यात्रियों को सहारा देकर स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाने में पुलिस अहम भूमिका निभा रही है. इसके अलावा यात्रियों के खोये हुए सामान को भी पुलिस ढूंढकर यात्रियों के हवाले कर रही है. पुलिस अभी तक पैदल मार्ग सहित धाम में बिछड़े 15 से अधिक यात्रयों को उनके परिजनों से मिलवा चुकी है.
हिमालय में बसे ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदार की 16 किमी पैदल यात्रा आसान नहीं है. पैदल यात्रा को पार करते समय कई प्रकार की मुसीबतों से सामना करना पड़ता है. अक्सर देखा जाता है कि पैदल मार्ग पर कई परिजन आपस में बिछड़ जाते हैं. एक साथ आए लोग पैदल मार्ग पर एक साथ नहीं चल पाते. कोई घोड़े-खच्चर, कोई डंडी-कंडी या फिर कोई पैदल चलता है. ऐसे में साथ चल रहे लोग आपस में नहीं मिल पाते. इस समस्या का सामना सबसे अधिक बच्चों को करना पड़ता है.
यात्रियों की सहायता करने के लिए ऑपरेशन मुस्कान
इतने बड़े पैदल मार्ग पर किसी की खोज करना आसान काम नहीं है. ऐसे में जगह-जगह पैदल मार्ग पर तैनात पुलिसकर्मी इन बिछड़े हुए यात्रियों को आपस में मिलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. पुलिस की ओर से इसके लिए ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा है. पुलिसकर्मी धाम में खो रहे यात्रियों के सामान और फोन को भी खोजकर रहे हैं. इसके अलावा यात्रियों का रेस्क्यू और बीमार यात्रियों को स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचाने में भी पुलिस की अहम भूमिका है. पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ बिशाखा भदाने कहा कि पैदल मार्ग और धाम में बिछड़ गए लोगों को उनसे मिलाने और यात्रियों की सहायता करने के लिए ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा है.
UP Politics: बसपा की महंगाई और बेरोजगारी पर क्या है नीति? मायावती ने युवाओं के लिए बताया प्लान