Chardham Yatra 2023: मौसम की सटीक जानकारी के लिए लगेंगे छोटे डॉप्लर रडार, सीसीटीवी से भी मिलेगी जानकारी
Chardham Yatra 2023: डॉप्लर रडार के अलावा जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों की मदद से भी हेली सेवा संचालकों को मौसम की जानकारी मिल सकेगी. CCTV से हिल्स पर किस तरह का मौसम है ये स्पष्ट हो सकेगा.
Chardham Yatra 2023: उत्तराखंड (Uttarakhand) में मौसम खराब होने की वजह से चारधाम यात्रा में हेली दुर्घटनाओं से बचा जा सके इसको लेकर तैयारी चल रही है. मौसम विभाग जहां चारधामों में छोटे डॉप्लर रडार लगाने की बात कर रहा है तो वहीं शासन स्तर पर भी इसको लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. मौसम सही होने पर ही हेली सेवा संचालित होंगी और दुर्घटनाओं से बचा जा सकेगा. 22 अप्रैल से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती मॉनसून सीजन में चारधाम यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने की भी है. मौसम विभाग ने चारधाम में छोटे डॉप्लर रडार लगाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए, सरकार को टेक्निकल सपोर्ट दिया है. राज्य सरकार अब इसको आगे प्रोसेस करेगी, जिससे बेहतर फोरकास्ट मिल सकेगा.
उधर चार धामों में छोटे डॉप्लर रडार लगते हैं तो इससे खासतौर पर हेली सेवा संचालित करने के लिए मौसम की सटीक जानकारी हेली कंपनियों को मिलेगी और मौसम खराब होने पर हेली सेवाओं का संचालन रोका जाएगा, जिससे किसी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सकेगा. अभी राज्य में सुरकंडा जी और मुक्तेश्वर में डॉप्लर रडार हैं, लेकिन हायर हिल्स पर मौसम की सटीक जानकारी इनसे नहीं मिल पाती है. चारधाम में छोटे डॉप्लर रडार से मदद मिलेगी.
सीसीटीवी की भी मदद
हेली सेवाओं का संचालन मौसम सही होने पर ही होगा. मौसम की सटीक जानकारी होगी तो हादसों से बचा जा सकेगा. इसके लिए IMD ने राज्य सरकार को टेक्निकल सपोर्ट दिया है. सीसीटीवी की मदद से भी मौसम की जानकारी मिलेगी. मौसम खराब होने के कारण कई हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं.
उधर शासन स्तर पर भी इसको लेकर तैयारियां तेज कर दी गईं हैं. डॉप्लर रडार के अलावा जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से भी हेली सेवा संचालकों को मौसम की जानकारी मिल सकेगी. सीसीटीवी से हिल्स पर किस तरह का मौसम है ये चीजें स्पष्ट हो सकेंगी. जिला प्रशासन को इस व्यवस्था के संचालन के निर्देश दिये गये हैं.
अबतक हुए हेलीकॉप्टर हादसे
केदारनाथ में सबसे बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा 25 जून 2013 को आपदा राहत बचाव के दौरान हुआ था, जिसमें पायलट और को पायलट सहित 20 जवान शहीद हुए थे. इतना ही नहीं 2010 से लेकर 2019 तक केदारनाथ में 6 हेलीकॉप्टर हादसे मौसम की खराबी के कारण हुए हैं. अब ये कहा जा सकता है कि अगर सब कुछ ठीक रहा, डॉप्लर रडार और सीसीटीवी कैमरे लगेंगे तो ऐसे हादसों से बचा जा सकेगा और यात्रा सुगम होगी.