Rudraprayag News: प्रकृति की खूबसूरती के बीच टिहरी और रुद्रप्रयाग के बोर्डर पर चिरबटिया कस्बा बसा हुआ है. इस स्थल को चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव भी कह सकते हैं. गंगोत्री और यमुनोत्री से आने के बाद तीर्थयात्री यहीं से होकर गुजरते हैं. चिरबटिया बेहद ही खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है. इसके बावजूद भी चिरबटिया मूलभूत सुविधाओं की परेशानी से घिरा हुआ है. यात्रियों और पर्यटकों की सुविधाओं के लिये यहां एक शौचालय तक नहीं है जबकि सबसे गंभीर समस्या यहां पानी की है.
रुद्रप्रयाग और टिहरी को चिरबटिया पर्यटक स्थल विभाजित करता है. रुद्रप्रयाग जनपद मुख्यालय से चिरबटिया की दूरी लगभग पचास किलोमीटर है. चिरबटिया को पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है. ऊंचाई पर स्थित होने के कारण शीतकाल में जमकर बर्फबारी होती है. बर्फबारी का दीदार करने के लिये प्रत्येक साल यहां लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं जबकि गंगोत्री-यमुनोत्री से केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्री भी इस स्थान पर भारी संख्या में पहुंचते हैं.
मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं मौजूद
पर्यटक स्थल होने और चार धाम यात्रा का मुख्य पड़ाव होने के बाद भी चिरबटिया आज तक मूलभूत सुविधाओं से नहीं जुड़ पाया है. स्थिति इतनी बदहाल है कि चिरबटिया बाजार में यात्रियों और पर्यटकों के लिये एक शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है जबकि पानी की भी यहां गंभीर समस्या है. मूलभूत सुविधाओं के न होने से पर्यटकों के अलावा यहां के स्थानीय निवासियों को भी भारी परेशानियां का सामना करना पड़ता है.
स्थानीय लोगों ने बताई समस्याएं
स्थानीय निवासी दिनेश कैंतुरा का कहना है कि चिरबटिया में शौचालय का होना जरूरी है. कई बार शासन-प्रशासन को अवगत करा दिया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यह एक पर्यटक स्थल है, लेकिन यहां पर सुविधाओं का अभाव है. चिरबटिया सिर्फ नाम का है, लेकिन काम यहां कुछ नहीं होते हैं. टिहरी-घनसाली से होकर तीर्थ यात्री इसी रास्ते केदारनाथ को जाते हैं, लेकिन यहां पर पानी की भी गंभीर समस्या है.
स्थानीय निवासी महावीर सिंह का कहना है चिरबटिया का जो विकास होना चाहिये था, वह नहीं हो पाया. पर्यटक स्थल और चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव होने के बावजूद भी यहां सबसे बड़ी समस्या पानी की है. इसके अलावा यह स्थल कई अन्य समस्याओं से भी घिरा हुआ है. चारधाम यात्रा के दौरान घनसाली से चिरबटिया-मयाली होकर तिलवाड़ा से केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम को निकलने वाले तीर्थयात्रियों को सड़क मार्ग पर भी भारी दिक्कतों से गुजरना पड़ता है.
इस स्टेट हाईवे के तिलवाड़ा से मयाली के बीच कई स्थानों पर डेंजर जोन बने हुए हैं. इन डेंजर जोनों पर किसी समय भी पहाड़ी से पत्थर गिरने लगते हैं, जिस कारण लोगों को आवागमन में दिक्कतें होती हैं. खासकर जब यात्रा चरम पर रहती है और स्टेट हाईवे बंद हो जाता है तो घंटों जाम की स्थिति भी बन जाती है. लोनिवि रुद्रप्रयाग की ओर से इन डेंजर जोनों का ट्रीटमेंट नहीं किया जा रहा है.
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