Rudraprayag News: केदारनाथ (Kedarnath) तीर्थ पुरोहित समाज ने यात्रा शुरू होने से पूर्व केदारनाथ धाम में चल रही तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान तीर्थ पुरोहित प्रशासन की ओर से की जा रही तैयारियों से नाखुश नजर आये. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि प्रत्येक साल केदारनाथ धाम की यात्रा अव्यवस्थाओं के बीच शुरू की जा रही है. जिसका नुकसान तीर्थ यात्रियों को झेलना पड़ता है. केदारनाथ पैदल मार्ग का सुधारीकरण काफी चुनौतिपूर्ण रहने वाला है. समय कम है और काम ज्यादा बचा है. ऐसे में तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों को मोर्चा संभालने की जरूरत है.


केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होने में अब महज कुछ ही दिन का समय बाकी बचा हुआ है और अभी तक पैदल मार्ग को दुरूस्त नहीं किया गया है. यात्रा तैयारियों का जायजा लेने के लिये केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों की टीम केदारनाथ धाम पहुंची. इस दौरान टीम को धाम में काफी कमियां नजर आई. केदारनाथ धाम में अभी भी भारी मात्रा में बर्फ जमी है.


15 अप्रैल से शुरू हो जाएगी आवाजाही 
पैदल मार्ग पर जगह-जगह ग्लेशियर टूटे हुये हैं. बड़े-बड़े ग्लेशियरों के बीच से होकर आवाजाही करनी पड़ रही है. अब समय कम और काम ज्यादा है. 15 अप्रैल से धाम में स्थानीय लोगों की आवाजाही शुरू हो जायेगी. लोग सीजन के लिए यहां आवश्यक सामग्री के साथ पहुंचेंगे. ऐसे में समय पर व्यवस्थाएं सुचारू होना जरूरी है हालांकि इस बार धाम में लगातार मौसम खराब है. अभी भी सांय के समय धाम में बर्फबारी हो रही है, जिस कारण दिक्कतें पैदा हो रही हैं.


पैदल मार्ग खोलने का काम जारी
केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि धाम की शुरुआती चरण की यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाली है. खासकर पैदल मार्ग पर सफर करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा. उन्होंने कहा कि कुंभ की तर्ज पर केदारनाथ धाम के लिए भी अलग से प्रशासन की व्यवस्था होनी चाहिए. अगर ऐसी व्यवस्था होती है तो वह जनवरी-फरवरी से अपनी व्यवस्थाएं करना शुरू कर देंगे और कपाट खुलने से एक महीने पहले सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से हो जाएंगी. 


केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि केदारनाथ आपदा में तबाह हुए तीर्थ पुरोहितों के साथ प्रशासन का अनुबंध हैं. इन अनुबंधों पर पिछले साल ही कार्य होना था, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं बन पाई है. हर साल की तरह इस साल की यात्रा भी चुनौतीपूर्ण रहेगी. मौसम खराब होने के बाद भी पैदल मार्ग खोलने का कार्य जारी है.


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