(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chardham Yatra 2023: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां तेज, सीएम धामी ने सभी विभागों को दिए सख्त निर्देश
Chardham Yatra 2023: अप्रैल महीने से चार धाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. इस बार 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे, तो वहीं 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे.
Chardham Yatra 2023: पिछले साल चार धाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) से सबक लेकर इस बार सरकार अभी से चार धाम यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के निर्देश पर सभी विभाग चारधाम यात्रा की तैयारियों में लग गए हैं, ताकि यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं मुकम्मल कर ली जाएं. पिछले साल चारों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या इतनी ज्यादा रही कि सरकार की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई थी, लेकिन सरकार इस बार ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती कि यात्रियों को दिक्कत हो. इसलिए सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि सीजन से पहले ही तैयारियां कर ली जाएं.
उत्तराखंड में अप्रैल महीने से चार धाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. इस बार 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे, तो वहीं 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे. महाशिवरात्रि के दिन बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख भी तय हो जाएगी यानी अप्रैल के अंतिम सप्ताह से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी. इस लिहाज से देखा जाए तो सरकार के पास व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए सिर्फ 2 महीने का वक्त बचा है. इसलिए सरकार ने अपने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि यात्रा सीजन से पहले सभी तैयारियां पूरी हो.
चारधाम यात्रा को लेकर तैयारी तेज
इसके लिए खासतौर पर पीडब्ल्यूडी, पर्यटन, पेयजल, और पशुपालन विभाग यात्रा के लिए तैयारी कर रहा है, ताकि पिछले साल की तरह इस साल यात्रियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, हालांकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का दावा है कि यात्रा के लिए सभी तैयारी पूरी है. वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार को यात्रा के लिए सभी तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए, क्योंकि चार धाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी से जुड़ा मुद्दा है. पिछले साल जिस तरह से लोगों को दिक्कतें हुईं वो इस बार नहीं होनी चाहिए.
पिछले साल केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में घोड़े खच्चरों की मौत का मुद्दा भी काफी गरमाया था. यात्रा के दौरान से सैकड़ों घोड़ों की मौत हो गई थी, लेकिन इस बार पशुपालन विभाग ने यात्रा सीजन के दौरान इसके लिए विशेष व्यवस्था की है. पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि दोनों धामों में घोड़े खच्चरों के लिए पहले से ही टोकन व्यवस्था की जाएगी. एक बार यात्रा के बाद रेस्ट दिया जाएगा. पैदल रास्ते में गर्म पानी की व्यवस्था की जाएगी, इसके साथ ही पैदल रास्ते में डॉक्टरों के कैंप लगाए जाएंगे ताकि वक्त पर घोड़े और खच्चर को इलाज मिल सके.
किराये में हो सकती हैं बढ़ोतरी
इस बार यात्रा पर आ रहे यात्रियों को किराए में थोड़ा खर्च ज्यादा करना पड़ेगा, क्योंकि जहां एक तरफ बसों के किराए में बढ़ोतरी की जा रही है, वहीं नागरिक उड्डयन विभाग ने भी केदारनाथ हेली सेवा टिकट में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली है. सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने बताया कि पिछले 3 सालों से हेली सेवा के टिकटों में बढ़ोतरी नहीं हुई है और न ही टेंडरिंग, लेकिन इस बार इसमें कुछ बढ़ोतरी का प्रस्ताव आया है जिस पर विचार किया जा रहा है.
पिछले साल चारधाम यात्रा में तकरीबन 46 लाख यात्री दर्शन के लिए पहुंचे थे, इससे तकरीबन 211 करोड़ों का कारोबार भी हुआ था. इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों के हिसाब से सरकार व्यवस्थाएं नहीं कर पाई थी, जिस वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. वहीं घोड़े खच्चरों की मौत ने भी सरकार के दावों की पोल खोल दी थी, लेकिन इस बार सरकार ये नहीं चाहती कि उनकी तैयारी आधी अधूरी रहें, इसलिए विभागों को वक्त पर तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए जा चुके हैं.
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