Chardham Yatra 2024: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं. वर्तमान में दोनों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या 15 लाख को पार कर चुकी है. गंगोत्री धाम में जहां 8 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, वहीं यमुनोत्री धाम में ये संख्या 7 लाख से ज्यादा हो गई है. ध्यान देने वाली बात है कि दोनों धामों के कपाट बंद होने में एक सप्ताह का समय शेष है. माना जा रहा है कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकती है.


चार धामों में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा इस वर्ष 10 मई को प्रारंभ हुई थी. केवल 17 दिनों के भीतर ही इन दोनों धामों में 4 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे थे. पिछले वर्ष की तुलना में, जहां गंगोत्री धाम की यात्रा 207 दिन और यमुनोत्री धाम की 208 दिन चली थी, इस वर्ष गंगोत्री की यात्रा केवल 177 दिन और यमुनोत्री की 178 दिन तक ही सीमित रहेगी. इसके बावजूद, श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या इस बात को दर्शाती है कि लोगों का आस्था और भक्ति में कोई कमी नहीं आई है.


श्रद्धालुओं की संख्या ने तोड़े रिकॉर्ड
रविवार की शाम तक दोनों धामों में कुल 15,01,563 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. इसमें यमुनोत्री धाम में 7,00,828 श्रद्धालु और गंगोत्री धाम में 8,00,735 श्रद्धालु शामिल हैं. इस तरह, दोनों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की एक दिन की औसत संख्या 8,781 है, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 7,907 थी. यह वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि लोगों में चार धाम यात्रा के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ रही है.




श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण, प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों को तैयारियों को और मजबूत करने की आवश्यकता है. बेहतर यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य सुविधाओं को सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिल सके. इस वर्ष मौसम भी अनुकूल रहा है, जिससे यात्रा में कोई बाधा नहीं आई और श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी आई है.


गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान करती है. हजारों की संख्या में लोग इन स्थानों पर आकर न केवल पूजा-अर्चना करते हैं, बल्कि स्थानीय बाजारों और होटलों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं.


इस वर्ष के अंत तक श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ सकती है, जिससे एक नया रिकॉर्ड बन सकता है. लोग आस्था के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेने के लिए इन धामों की यात्रा कर रहे हैं. इस यात्रा का अनुभव न केवल भक्ति को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में इस प्रकार की यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि आस्था की कोई सीमा नहीं होती और श्रद्धालु हमेशा अपने धर्म के प्रति समर्पित रहते हैं. 


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