Kedarnath Kapat Opens: केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट शीतकाल के दौरान छह माह बंद रहने के बाद शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह भगवान से यात्रा के सकुशल संपन्न होने की प्रार्थना करते हैं. मंदिर समितियों ने बताया कि केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट सुबह सात बजे खुलेंगे जबकि गंगोत्री के कपाट दोपहर बाद 12 बजकर 20 मिनट पर खुलेंगे. उनके अनुसार चारधाम के नाम से प्रसिद्ध धामों में शामिल एक अन्य धाम बदरीनाथ के कपाट 12 मई को सुबह छह बजे खुलेंगे.
20 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के कपाटोद्घाटन के लिए मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि दानदाताओं के सहयोग से मंदिर को विभिन्न प्रजातियों के करीब 20 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है जो हेलीकॉप्टर के माध्यम से वहां पहुंचाए गए हैं.
अधिकारियों के अनुसार यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है और बृहस्पतिवार शाम चार बजे तक चार धामों के लिए 22 लाख से अधिक श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं. चारधाम यात्रा पंजीकरण बुलेटिन के अनुसार, वेब पोर्टल, मोबाइल एप और व्हाटसएप के माध्यम से अब तक पंजीकरण की संख्या 22,28,928 पहुंच चुकी है.
हेलिकॉप्टर से होगी पुष्पवर्षा
इस बार भी सरकार ने चारों धामों के कपाट खुलने के अवसर पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराने की घोषणा की है. इस बीच, 4050 श्रद्धालुओं को लेकर 135 वाहन ऋषिकेश से चारधामों के लिए रवाना हुए. वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष चारधामों के दर्शन के लिए रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे.
हर साल गर्मियों में होने वाली चारधाम यात्रा के शुरू होने का स्थानीय जनता को भी इंतजार रहता है. छह माह तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक जनता के रोजगार और आजीविका का साधन हैं तथा इसीलिए चारधाम यात्रा को गढवाल हिमालय की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है.
धामों के सर्दियों में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण उनके कपाट हर साल अक्टूबर—नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल दोबारा अप्रैल-मई में फिर खोल दिये जाते हैं.