देहरादून, एबीपी गंगा। कोरोना वायरस के खौफ और लॉकडाउन के बीच अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। पौराणिक तय शुभ मुहूर्त पर परंपरा अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 26 अप्रैल को विधिवत गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। मंदिर समिति के पदाधिकारियों एवं तीर्थ पुरोहितों ने कपाट खोलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। शनिवार को उत्तरकाशी के मुखवा गांव से गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री के लिए प्रस्थान हुई है। लॉकडाउन और कोरोना के संकट की वजह से पहली बार बिना यात्रियों के साथ लिए डोली गंगोत्री की यात्रा के लिए निकाली गई।



हिन्दू पंचाग के अनुसार, इस वर्ष कर्क लग्न के अभिजित मुहूर्त पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने जा रहे हैइस बार के कपाट खुलने की तस्वीर लॉकडाउन के चलते पिछले सालों की अपेक्षा बिल्कुल अलग दिखाई देगी। इस बार कपाट खुलने की 10 महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।



यमुनोत्री धाम के कपाट हरेक वर्ष अक्षय त्रित्य को खुलते है।
शीतकालीन में माँ यमुना अपने मायके खरशाली गावं में प्रवास करती हैं।
माँ यमुना की डोली भाई शनिदेव की अनुवाई में सुबह 08 बजकर 05 मिनट में यमुनोत्री को  रवाना होगी|
पूजा अर्चना और विधि विधान के साथ दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर धाम के कपाट खुलेंगे |
यमुनोत्री कपाट खुलने में 21 तीर्थ पुरोहितों को ही इस बार अनुमति|
धाम के कपाट खुलने में इस बार राजनेता और मीडिया से दूरी बनाई गयी है।
यमुनोत्री मार्ग में स्याना चट्टी से आगे जाने में ग्रामीणों को छोड़ अन्य लोगों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है।
यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालुओं को भी अनुमति नहीं दी जायेगी।
इतिहास में पहली बार बिना श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कपाट खुलेंगे |
लॉकडाउन अवधि तक धाम में केवल पूजा अर्चना होगी|

इस बार किसी तीर्थयात्री को नहीं मिली गंगोत्री जाने की अनुमति 

वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट 26 अप्रैल को 12 बजकर 35 मिनट पर खुलेंगे। लॉकडाउन की वजह से कपाट खुलने के समय प्रशासन ने केवल 21 लोगों की ही मौजूदगी को मंजूरी दी है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इस बार किसी की तीर्थयात्री को गंगोत्री जाने की अनुमति नहीं दी गई है।

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