Chardham Yatra 2023: चारधाम यात्रा करने वालों के लिए जरूरी खबर, इस सर्टिफिकेट के बिना नहीं कर सकेंगे पैदल यात्रा
Chardham: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले स्थानीय प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. साफ-सफाई से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था पर काम किया जा रहा है. श्रद्धालुओं के लिए नए नियम भी बन सकते हैं.
Chardham Yatra News: साल 2023 की चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में पिछले रिकॉर्ड तोड़ सकती है. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत (Dhan Singh Rawat) ने भी 50 लाख यात्रियों के आने की संभावना जताई है. अगर ऐसा कुछ होता है तो स्थानीय प्रशासन की चुनौतियां बढ़ने के आसार हैं. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने यात्रियों से पैदल चलने का फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate) मांगने का फैसला किया है यानी जो भी यात्री पैदल यात्रा करते हुए चारधाम यात्रा करेंगे उन्हें पहले फिटनेस सर्टिफिकेट दिखाना होगा.
दरअसल केदारनाथ, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में पैदल यात्रा के बाद ही धामों तक पहुंचा जाता है. ऐसे में पैदल यात्रा के फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ ही यात्रियों को इस बार आना होगा. पिछले वर्षों का अनुभव देखते हुए ये बात स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कही है. दरअसल, पिछले वर्ष पैदल चलने के दौरान कई यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हुई थी और यात्रियों की मौत की भी खबरें आई थीं. इस वजह से पैदल फिटनेस के प्रमाण पत्र को अनिवार्य किया जा रहा है. हालांकि इसको लेकर सीएम पुष्कर धामी भी एक बैठक करेंगे. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि ये सबके लिए बहुत अच्छा होगा कि यात्री अपने राज्यों से पैदल यात्रा करने का प्रमाण पत्र लेकर आएंगे. इससे यात्रा के दौरान कोई दिक्कतें नहीं आएंगी.
साफ-सफाई के लिए भी किए जा रहे हैं खास इंतजाम
ग्रीष्मकाल के केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसी के तहत केदारनाथ के पैदल मार्ग पर पक्के शौचालय बनाए जा रहे हैं. पक्के शौचालयों के निर्माण से केदारनाथ धाम के बुग्याल गंदगी से मुक्त रहेंगे और यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. इसके अलावा केदारनाथ धाम सहित पैदल मार्ग पर फैलने वाले कूड़ा-करकट के निस्तारण की भी व्यवस्था की जा रही है. रुद्रप्रयाग जनपद के मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने बताया था कि साफ-सफाई की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनेशनल को सौंपी गई है. इस बार पक्के शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है ताकि पैदल मार्ग या फिर केदारनाथ में गदंगी न हो सके.
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