Chardham Yatra 2022: केदारनाथ में सुबह से जारी बारिश ने बढ़ाई ठंड, रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड के बीच फंसे हुए हैं हजारों तीर्थयात्री
रुद्रप्रयाग जिले में सुबह से हो रही बारिश के कारण केदारनाथ के तीर्थयात्री जगह जगह फंसे हुए हैं. बारिश के कारण यहां तापमान में भी गिरावट आई है.
Chardham Yatra: केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) सहित पूरे रुद्रप्रयाग जनपद (Rudraprayag) में सुबह से ही बारिश जारी है. केदारनाथ धाम में बारिश के बीच तीर्थयात्री भगवान भोलेनाथ के दर्शनों का इंतजार कर रहे हैं वहीं, जिला प्रशासन ने गौरीकुंड में यात्रा पर ब्रेक लगा दिया है. ऐसे में गौरीकुंड से रुद्रप्रयाग तक 8 से 10 हजार यात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं. मौसम साफ होने के बाद ही तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम के लिए भेजा जा सकेगा. मौसम विभाग ने दो दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
बारिश से बढ़ गई केदारनाथ में ठंड, रुकी हेली सेवा
उधर, केदारनाथ धाम में बारिश के बाद ठंड भी बढ़ गई है. ठंड और बारिश के बीच केदारनाथ के दर्शनों के लिए यात्री लाइन में लगे हुए हैं. आज सुबह 5 बजे बारिश शुरू होने के बाद केदारनाथ यात्रा पर रोक दी है और तीर्थयात्री को गौरीकुंड, सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, अगस्त्यमुनि व रुद्रप्रयाग में रोका गया है. अब मौसम साफ होने के बाद ही तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम के लिए भेजा जाएगा. लगातार हो रही बारिश के कारण पुलिस प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका हुआ है.
मौसम खराब होने के कारण हेली सेवाएं भी बंद पड़ी हुई हैं. केदारघाटी में बारिश के साथ धुंध छाई हुई है. विजिबिलिटी ना होने से हेली सेवाओं का संचालन करना मुश्किल हो गया है. इसके अलावा बारिश से जहां निचले क्षेत्रों में गर्मी से निजात मिली है जबकि केदारनाथ धाम पर इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है.
Ration Card in UP: राशन कार्ड सरेंडर करने और रिकवरी को लेकर योगी सरकार का बड़ा ऐलान, दी ये जानकारी
सुरक्षित स्थानों पर रोके जा रहे यात्री
पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने बताया कि मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिले में सुबह से बारिश हो रही है. केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है. बारिश के कारण यात्रा को रोका गया है और मौसम के खुलने के बाद ही तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम जाने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि गुप्तकाशी से रुद्रप्रयाग के बीच पांच हजार तथा गुप्तकाशी से गौरीकुंड के बीच पांच हजार तीर्थयात्रियों को रोका गया है. कुल मिलाकर यात्रा मार्ग पर 10 हजार के करीब तीर्थयात्रियों को रोका गया है.