UP News: अखिलेश यादव के करीबी मनीष जगन की मुश्किलें बढ़ीं, दो मुकदमों में चार्जशीट दाखिल, जानें- मामला?
Prayagraj News: मनीष जगन अग्रवाल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी हैं. इस साल जनवरी में भी उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तब अखिलेश यादव खुद उन्हें छुड़ाने के लिए थाने पहुंच गए थे.
Akhilesh Yadav News: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी कहे जाने वाले समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर मनीष जगन अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रयागराज पुलिस ने मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ दर्ज दो मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर ली है. इलाहाबाद की सेशन कोर्ट में दोनों मुकदमों में चार्जशीट दाखिल की गई है, जिसके बाद मनीष जगन अग्रवाल को अब कोर्ट में सरेंडर करना होगा नहीं तो कोर्ट वारंट जारी करेगी और पुलिस उसकी गिरफ्तारी कर सकेगी.
मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ 18 अगस्त को दर्ज एफआईआर में पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर आईपीसी की धारा 354 बी, 507, 509 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्ज शीट का नंबर 148/ 2023 है. 23 अगस्त को दर्ज एफ आई आर में पुलिस ने आईपीसी की धारा 509 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट का नंबर 149/2023 है. मुकदमे दर्ज होने के बाद से मनीष लगातार फरार चल रहा है.
प्रयागराज पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापेमारी भी की थी. कर्नलगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने दोनों मुकदमों में जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. समाजवादी पार्टी से निष्कासित महिला नेत्री डॉ० ऋचा सिंह ने पांच दिनों के अंदर मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ दोनों एफआईआर शिवकुटी थाने में दर्ज कराई थी. दोनों मुकदमें उनके ट्वीट के आधार पर दर्ज किए गए थे.
आपत्तिजनक ट्वीट करने का मामला
मनीष ने 18 अगस्त को ट्वीट कर ऋचा सिंह का सीधे तौर पर नाम लिए बिना उनके खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां की थी. ऋचा सिंह के लिए सूर्पनखा, आइटम व कूड़ा कचरा कहा था. समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध करने की वजह से फरवरी महीने में ऋचा सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. वो सपा की प्रवक्ता रह चुकी हैं और प्रयागराज की शहर पश्चिम सीट से दो बार सपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं. इसके अलावा इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्र संघ की अध्यक्ष भी रही हैं.
मनीष जगन अग्रवाल जनवरी महीने में भी विवादित ट्वीट के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए थे. मनीष को छुड़ाने के लिए अखिलेश यादव डीजीपी ऑफिस पहुंच गए थे. वहां उनकी पुलिस वालों से झड़प भी हुई थी. ऋचा सिंह ने अपनी एफ आई आर में मनीष से जान का खतरा भी बताया था. आरोप है कि मनीष ने उनके खिलाफ अमर्यादित व घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें वैशाली की नगरवधू जैसे अपमानजनक शब्द लिखे थे.
मनीष जगन अग्रवाल को इसी साल जनवरी महीने में सोशल मीडिया पर अमर्यादित पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत बीजेपी के कई अन्य नेताओं के खिलाफ अमर्यादित पोस्ट करने के मामले में भाजपा नेत्री रिचा राजपूत ने मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद उन्हें छुड़ाने कि लिए अखिलेश यादव लखनऊ में डीजीपी ऑफिस पहुंच गए थे, जहां उनकी पुलिस वालों से तीखी झड़प भी हुई थी. बाद में मनीष को जमानत पर छोड़ा गया था.
पूर्व सपा नेता ने ही लगाए हैं आरोप
समाजवादी पार्टी ने इसी साल फरवरी महीने में पार्टी की फायर ब्रांड महिला नेता डॉक्टर ऋचा सिंह को अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर दिया था. स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा सपा में शामिल होने के बाद अगड़ों पिछड़ों को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद ऋचा सिंह मुखर हो गई थी. रामचरितमानस पर सवाल उठाए जाने पर एतराज जताए जाने के बाद सपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. जिसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग से भी शिकायत की थी.
ऋचा सिंह अभी किसी राजनीतिक दल की सदस्य नहीं है. उन्होंने मनीष द्वारा किए गए आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर सीएम योगी और डीजीपी से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को भी हस्तक्षेप के लिए पत्र भेजा था. इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी चिट्ठी भेजकर इस मामले में सख्त कदम उठाए जाने की मांग की थी. चार्जशीट दाखिल होने के बाद मनीष जगन अग्रवाल एक बार फिर मुश्किल में पड़ सकते हैं.
मनीष जगन को अखिलेश यादव का बेहद करीबी माना जाता है, सपा का ट्विटर हैंडल वो ही संचालित करता है, उसने अपनी एक्स प्रोफाइल में अखिलेश यादव को अपने लिए धरती का साक्षात भगवान बताया है.