गोरखपुर: चार फरवरी से चौरीचौरा जनांदोलन के शताब्‍दी वर्ष का आगाज हो जाएगा. पूरे एक वर्ष तक मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम के शुभांरभ में उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 4 फरवरी 2022 को 100 साल पूरा होने पर चौरीचौरा शहीद स्‍थली पर होने वाले भव्‍य समारोह में बतौर मुख्‍य अतिथि आने की संभावना है. वहीं चार फरवरी को होने वाले शताब्‍दी वर्ष शुभारंभ कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है.


जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियान और सीडीओ इंद्रजीत सिंह ने आलाधिकारियों के साथ चौरीचौरा शहीद स्‍थली पर हो रहे कार्यों का निरीक्षण किया. इस मौके पर उन्‍होंने शहीद स्‍मारक, संग्रहालय के साथ आसपास के स्‍थलों का भी निरीक्षण किया. उन्‍होंने बताया कि रेलवे स्‍टेशन होने के कारण यहां पर सालभर होने वाले कई आयोजनों के लिए 3 एकड़ जमीन ली गई है. उन्‍होंने बताया कि 4 फरवरी को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और गवर्नर आनंदीबेन पटेल समारोह में सम्मिलित होंगी.


जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि चौरीचौरा जनांदोलन ने आजादी के आंदोलन की दिशा और दशा को पूरी तरह से बदलकर रख दिया था. चार फरवरी 1922 को चौरीचौरा आंदोलन हुआ था. इसके शताब्‍दी वर्ष 4 फरवरी 2022 को पूरे होंगे. उन्‍होंने कहा कि 4 फरवरी 2021 से ही वर्षभर कार्यक्रमों का आयोजन चौरीचौरा शहीद स्‍थली पर मनाया जाएगा.


तैयारियों को पूरा करना चुनौती


उन्होंने कहा कि चौरीचौरा जनआंदोलन के बारे में कुछ फैक्ट हैं. जिसको सभी लोग नहीं जानते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ चाहते हैं कि सब लोग चौरीचौरा के बारे में सही ढंग से जान सके. भारत की आजादी के लिए किन-किन लोगों ने कुर्बानी दी है. इसका एक साल तक कार्यक्रम किया जाएगा. तैयारियों के बारे में बोलते हुए जिलाधिकारी ने आगे कहा कि तैयारियों को पूरा करना हमारे लिए चुनौती है. हम लगातार आगे भी आएंगे. शहीद स्मारक के पास जगह की कमी है. रेलवे से बात की गई है. युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है.


बता दें कि देश की आजादी में चौरीचौरा जनआंदोलन का अहम योगदान रहा है. 4 फरवरी 1922 को हुए चौरीचौरा कांड ने देश की आजादी के आंदोलन की दिशा और दशा बदल दी थी. महात्‍मा गांधी ने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन को बीच में ही रोक दिया था. इस कांड में थानाध्‍यक्ष समेत 22 पुलिसकर्मी जिंदा जल गए. वहीं 19 क्रांतिकारियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. चौरीचौरा कांड के शताब्‍दी वर्ष को सालभर मनाने का कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में मनाने का आह्वान किया था. उसके बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी लगातार इसकी तैयारियों पर बल दे रहे हैं.


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