लखनऊ: माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र अब चौरी-चौरा जनआक्रोश के शहीदों की वीरगाथाएं किताबों में पढ़ सकेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग चौरी चौरा की घटना को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रहा है. मुख्यमंत्री ने चौरी चौरा जनआक्रोश को शताब्दी समारोह के रूप में मनाए जाने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में पहले चरण में गोरखपुर मंडल के 400 से अधिक राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को चौरी चौरा स्थल का भ्रमण कराया जाएगा. इससे छात्र वहां के शहीदों की गाथाओं से रूबरू हो सकेंगे.
गोरखपुर के चौरी चौरा में 4 फरवरी 1922 में आजादी के वीर जवानों ने अंग्रेजी हुकूमत से भिड़ंत के बाद पुलिस चौकी में आग लगा दी थी. इसमें 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इस घटना को चौरी चौरा कांड के रूप में जाना जाता है. शहीदों के इसी शौर्य की कहानी को अब पाठयक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा. इससे प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों छात्र चौरी चौरा जनक्रांति में शहीद अपने वीरों के इतिहास से रूबरू हो सकेंगे.
गोरखपुर मंडल के छात्र करेंगे चौरी चौरा का भ्रमण
मुख्यमंत्री के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग छात्रों को न सिर्फ वीरों के इतिहास को पाठयक्रम के रूप में पढ़ाएगा बल्कि छात्रों को शहीदों के स्थल चौरी चौरा का भ्रमण भी कराएगा. पहले चरण में गोरखपुर मंडल के देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर व गोरखपुर के 87 राजकीय विद्यालयों, 333 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय के छात्रों को चौरी चौरा शहीद स्थल का भ्रमण कराया जाएगा. इसमें मंडल के निजी स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा.
छात्रों के बीच होंगी प्रतियोगिताएं
चौरी चौरा शताब्दी समारोह के दौरान प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में चार फरवरी 2021 से आगामी एक साल तक छात्र-छात्राओं के बीच निबंध, चित्रकला व पोस्टर, क्विज, स्लोगन, कविता लेखन व भाषण प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी. इसके लिए पहले विद्यालय स्तर से शुरुआत होगी. फिर यह क्रम राज्य स्तर तक जारी रहेगा. तीन फरवरी 2022 को गोरखपुर में मंडल स्तरीय प्रतियोगिता कराई जाएगी.
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