Mayawati News: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने का मामले में सियासत गरमाई हुई है. विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे पर बीजेपी और महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और इस मामले पर हो रही सियासत को गलत बताया. उन्होंने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.  


बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'किसी भी समुदाय और धर्म से जुड़े राजा, महाराजाओं, संतों, गुरुओं-महापुरुषों के किसी भी मामले में नकारात्मक नहीं बल्कि सकारात्मक सोच रखनी चाहिए, इसकी आड़ में कोई भी राजनीति करना ठीक नहीं.'


'शिवाजी की मूर्ति पर हो रही सियासत गलत'
मायावती ने पोस्ट में आगे लिखा, 'इनकी मूर्तियों को लगाने और नाम रखने आदि का भी इस्तेमाल, सकारात्मक नजरिए से होना चाहिए, ना कि इनकी आड़ में किसी भी प्रकार का द्वेष पूर्ण और राजनीतिक स्वार्थ छिपा होना चाहिए, जो अब देखने के लिए मिल रहा है. अति दुर्भाग्यपूर्ण.



महाराष्ट्र की तरह अन्य किसी भी राज्य में खुद मूर्ति गिरने पर, संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ना कि इसकी आड़ में कोई राजनीति होनी चाहिए, तो यही बेहतर होगा.'


महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति आठ महीने में ही गिर गई. जिसके बाद से विरोधी दल इसे लेकर हमलावर है. महा विकास अघाड़ी ने इसके विरोध में जोड़ो मारो आंदालन छेड़ दिया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधुदुर्ग में शिवाजी की मूर्ति टूटने की घटना पर माफी मांगी है. उन्होंने छत्रपति शिवाजी को पूजनीय बताया.  इस मामले में पुलिस की कार्रवाई भी की जा रही है. 


इस मामले में मालवण पुलिस ने मूर्तिकार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट-ठेकेदार चेतन पाटिल के खिलाफ 26 अगस्त को मामला दर्ज किया था. 30 अगस्त को पुलिस ने चेतन पाटिल को गिरफ्तार कर लिया. वहीं 4 सितंबर बुधवार को दूसरे आरोपी जयदीप आप्टे को भी गिरफ्तार कर लिया. इस घटना के बाद से ही वो फ़रार चल रहा था.


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