Prayagraj Magh Mela 2023: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में इन दिनों माघ मेला (Magh Mela 2023) लगा हुआ है. आस्था के इस मेले में कई शंकराचार्यों के साथ ही देश भर के संत-महात्माओं ने डेरा जमा रखा है. तमाम संतो के पंडाल में कथा-प्रवचन व सत्संग के आयोजन हो रहे हैं. हर तरफ भक्ति की बयार बह रही है, लेकिन रामचरित मानस पर छिड़े विवाद के बीच छत्तीसगढ़ के एक ज्वाइंट कमिश्नर इन दिनों प्रयागराज के माघ मेले में संगीतमय राम कथा कह रहे हैं. इनकी रामकथा को सुनने के लिए पंडाल में सैकड़ों की भीड़ उमड़ती है.


कथा सुनने वाले संत महात्मा और श्रद्धालु इस कदर भाव-विभोर हो जाते हैं कि संगीत की धुन पर भक्ति भाव में मगन होकर देर तक झूमते नाचते रहते हैं. कथा कहने वाले ज्वाइंट कमिश्नर भगवान राम से जुड़े तमाम प्रसंगों पर प्रवचन तो करते ही हैं, लेकिन साथ ही खुद के लिखे हुए तमाम भक्ति गीतों पर अपनी मंडली के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ में देर तक झूमने नाचने से भी कतई गुरेज नहीं करते. छत्तीसगढ़ के यह अधिकारी माघ मेले में आकर्षण का केंद्र होने के साथ ही चर्चा का सबब भी बने हुए हैं. राम कथा कहने वाले ज्वाइंट कमिश्नर डॉ अशोक हरिवंश रामचरित मानस पर सवाल उठाने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और बिहार के मंत्री डॉ चंद्रशेखर पर जमकर निशाना भी साधा रहे हैं. उन्हें अज्ञानी बता रहे हैं और साथ ही यह भी कह रहे हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम को जन-जन का राम बनाने के लिए वह चित्रकूट और अयोध्या समेत उन सभी जगहों पर राम कथा कहने के लिए जाएंगे, जिन जगहों से भगवान राम का सीधे तौर पर जुड़ाव रहा है.


डॉ अशोक यहां पर किन्नरों के राम पर कथा कह रहे हैं
प्रयागराज के माघ मेले में राम कथा सुनाने वाले पीसीएस अफसर डॉ अशोक हरिवंश छत्तीसगढ़ सरकार में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में जॉइंट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं. वह पिछले कई सालों से अलग-अलग धार्मिक आयोजनों में राम कथा सुनाते आ रहे हैं. इसके लिए वह बाकायदा छुट्टी लेते हैं. प्रयागराज के माघ मेले में उनकी कथा संगम किनारे स्थित संत ज्ञानानंद के पंडाल में हो रही है. डॉ अशोक यहां पर किन्नरों के राम पर कथा कह रहे हैं. इसी वजह से माघ मेले में हो रही उनकी कथा में बड़ी संख्या में किन्नर संत और साधक भी मौजूद रहते हैं. खुद किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर और यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंदन गिरि उर्फ टीना मां पूरे वक्त पंडाल में मौजूद रहती हैं. डॉ अशोक यहां भगवान राम से जुड़े हुए तमाम प्रसंगों को कभी प्रवचन के तौर पर व्याख्या के साथ बताते हैं, कभी कथा सुनाते हैं तो कभी गीतों और भजनों के जरिए राम कथा कहने की कोशिश करते हैं.


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वह अपनी कथा में जो भी गीत या भजन गाते हैं, वह उनका खुद का लिखा हुआ होता है और साथ ही इसमें आवाज भी उन्हीं की होती है. उनके साथ संगीत मंडली अलग से चलती है. डॉ अशोक हरिवंश बिल्कुल किसी सधे हुए कथावाचक की तरह संगीतमय कथा पेश करते हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम राम को जन-जन का राम बताने के लिए कभी वह सबरी के राम पर कथा कहते हैं तो कभी हनुमान के राम पर तो कभी केवट और कभी निषाद राज के राम पर. कभी वह कौशल्या के राम पर कथा सुनाते हैं तो कभी दशरथ या कैकई के राम पर. जिस वक्त वाह कथा सुनाते हैं उस वक्त पंडाल श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरा रहता है. उनकी कथा सुनते हुए लोग अपनी सुध बुध खो बैठते हैं और भगवान राम में ही लीन हो जाते हैं.


मानस पर उठाए जा रहे सवाल और विवादों से काफी दुखी
राम कथा सुनाने वाले डॉ अशोक हरिवंश रामचरित मानस पर उठाए जा रहे सवाल और विवादों से काफी दुखी हैं. उनका कहना है कि ऐसा करने वाले लोग ना तो राम को समझते हैं और ना ही उनके विचारों को मानते हैं. ऐसे लोग पूरी तरह से अज्ञानी हैं और इनका विरोध कतई गलत भी नहीं है. इनका मानना है कि यह सारा विवाद सिर्फ और सिर्फ सियासी फायदा पाने के लिए किया जा रहा है, जो कि कतई उचित नहीं है.