Chhattisgarh New CM Vishnu Deo Sai: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के तौर पर विष्णु देव साय कमान संभालने वाले हैं. भाजपा ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना है. साय राज्य में भाजपा का आदिवासी चेहरा हैं. साथ ही वे आरएसएस की पसंद भी हैं. विष्णु देव साय का छत्तीसगढ़ ही नहीं उत्तर प्रदेश से भी पुराना कनेक्शन रहा है. विष्णु देव साय के सियासी अनुभव की बात करें तो वह अनुभवी राजनेताओं में से एक हैं.
लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए, केंद्रीय सरकार में मंत्री रहे और विष्णु देव साय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई. 1980 में आरएसएस ने बाला साहब देश पांडे की लीडरशिप में वनवासी कल्याण आश्रम शुरू किया था. यूपी बेसिक शिक्षा विभाग में शीर्ष पद पर रहे एक व्यक्ति उनके सहयोगी बने, जिन्होंने विष्णु देव साय को योजना से जोड़ा और फिर प्रशिक्षित किया. इसके बाद विष्णु देव साय को बीजेपी में भेजा गया.
सरपंच से शुरु की थी पॉलिटिक्स
साय जशपुर जिले के बगिया गांव के किसान परिवार में जन्मे हैं. विष्णु देव साय ने दसवीं तक की पढ़ाई कुनकुरी में की और वह अपने गांव बगिया से निर्विरोध सरपंच भी चुने गए. उन्होंने विधानसभा का पहला चुनाव 1990 में लड़ा था और लोकसभा का पहला चुनाव 1999 में. उनका जन्म 21 फरवरी 1964 का हुआ. वे ज्यादा पढे-लिखे नहीं हैं, मगर सियासी तौर पर उनका अपना अनुभव है. वह 16वीं लोकसभा में निर्वाचित हुए थे और उन्हें केंद्र में इस्पात और खान राज्य मंत्री बनाया गया था.
वे चार बार सांसद रहे हैं. इससे पहले वह दो बार विधानसभा सदस्य भी निर्वाचित हुए. वर्तमान में उन्होंने कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से बतौर भाजपा प्रत्याशी जीत दर्ज की है. भाजपा को 90 सीटों वाली विधानसभा में 54 स्थान पर जीत मिली है और पार्टी में नेता के लिए मंथन का दौर जारी था, इसके लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यंत कुमार को पर्यवेक्षक बनाया गया था. विष्णु देव की बात करें तो वे राज्य की राजनीति में आदिवासी का बड़ा चेहरा हैं और पार्टी ने आदिवासी वोट बैंक को अपने पक्ष में रखने के मकसद से ही उन्हें मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी है.