नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता द्वारा प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र का बुधवार को संज्ञान लेते हुये इसे प्रधान न्यायाधीश के सामने पेश करने में हुई देरी पर अपने सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट मांगी है। दुष्कर्म पीड़िता इस 19 वर्षीय लड़की ने इस पत्र में अपनी जान को खतरे की आशंका व्यक्त की थी और कुछ घटनाओं का भी इसमें जिक्र किया था।


चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा, ''दुर्भाग्यवश, यह पत्र अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन समाचार पत्रों में ऐसे खबर प्रकाशित हुयी है कि मानो मैंने इस पत्र को पढ़ लिया है।'' चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कहा कि समाचार पत्रों ने ऐसे पेश किया है कि मानो प्रधान न्यायाधीश ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।


पीठ ने कहा, 'हम इस अत्यधिक विस्फोटक स्थिति के बारे में कुछ करेंगे।' बेंच ने ये टिप्पणियां उस वक्त कीं जब बच्चों से बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने उन्नाव बलात्कार प्रकरण सुनवाई के लिये शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।


शीर्ष अदालत ने इस मामले को बृहस्पतिवार के लिये सूचीबद्ध करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार को उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता से संबंधित दुर्घटना के बारे में प्रगित रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 19 वर्षीय इस महिला से करीब दो साल पहले उन्नाव में अपने आवास पर कथित रूप से बलात्कार किया था। यह महिला रविवार को रायबरेली में अपनी कार के साथ एक तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर में बुरी तरह जख्मी हो गयी जबकि उसके परिवार के दो सदस्यों की इस हादसे में मृत्यु हो गयी थी।


महिला के परिवार ने इस कार दुर्घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुये शिकायत दर्ज करायी है। कार दुर्घटना के एक दिन बाद दर्ज प्राथिमकी में भाजपा विधायक, उसके भाई मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरूण सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, रिंकू सिंह और अवधेश सिंह को आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।


इस बलात्कार कांड में उप्र के बांगरमउ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के चार बार के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं और उन्हें पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था। बलात्कार पीड़ित और उसके परिवार के दो सदस्यों द्वारा लिखा गया यह पत्र 12 जुलाई का है और इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य प्राधिकारियों को भेजा गया था।


प्रधान न्यायाधीश को भेजे गये पत्र में दावा किया गया है कि 7-8 जुलाई को भाजपा विधायक सेंगर से कथित रूप से संबंध रखने वाले कुछ व्यक्तियों ने पीड़ित के परिवार को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी थी।


पत्र पर पीड़ित, उसकी मां और चाची के हस्ताक्षर हैं। पत्र के अनुसार सात जुलाई को बलात्कार मामले में एक आरोपी के बेटे नवीन सिंह, शशि सिंह, मनोज सिंह, (एक अन्य आरोपी कुलदीप सिंह के भाई) और कन्नू मिश्रा उनके घर आये थे और उन्हें धमकी दी थी। इसके अगले दिन एक अन्य व्यक्ति भी उनके घर आया था।


पीड़ित और उसके परिवार ने कहा कि पत्र के साथ उस कार का वाडियो भी संलग्न किया गया था जिसमें ये लोग उनके घर आये थे।


पत्र में उन्हें धमकी देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। उन्नाव बलात्कार कांड उस समय सामने आया जब पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर कथित रूप से आत्मदाह करने का प्रयास किया था।