मकर संक्रांति 2021: सीएम योगी ने बाबा गोरखनाथ को चढ़ाई खिचड़ी, दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में सुबह चार बजे खिचड़ी चढ़ाई. पहली खिचड़ी चढ़ाने की सदियों से चली आ रही परंपरा के निर्वहन के बाद मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए.
गोरखपुर. मकर मकर संक्राति के पावन पर्व पर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. गुरुवार सुबह 4 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा गोरखनाथ की पूजा-अर्चना के बाद खिचड़ी चढ़ाई. परंपरागत रूप से नेपाल नरेश की तरफ से आई पहली खिचड़ी चढ़ाने की सदियों से चली आ रही परंपरा के निर्वहन के बाद मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. इसके बाद श्रद्धालु जयकारे के साथ बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए आने लगे. मुख्य द्वार से लेकर मुख्य मंदिर तक श्रद्धालुओं द्वारा बाबा गोरखनाथ के जयकारे से गुंजायमान हो गया.
सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं इस अवसर पर गोरक्षपीठ के महंत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि ये जगत पिता सूर्य की उपासना का पर्व है. इस जगत में जहां भी जीव सृष्टि है, जगत पिता सूर्य के कारण है. उनकी उपासना का पर्व होने के नाते जीवंतता आए. एक उमंग और उल्लास के साथ अपनी दिनचर्या को लोग आगे बढ़ा सकें. इसकी शुभकामनाएं देता हूं. देश में इस पर्व का अलग उल्लास है. उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि सूर्य का अयनवृत्त 12 बराबर राशियों में विभाजित है. एक राशि से दूसरी राशि में सूर्य का संक्रमण संक्राति कहलाता है. मेरा सौभाग्य है कि ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे मुझे बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ है.
"मकर संक्रांति (खिचड़ी)" पर्व के शुभ अवसर पर... pic.twitter.com/41EHyhtROy
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 14, 2021
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा बता दें कि गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा है. भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ बिहार और नेपाल से भी श्रद्धालु लाखों की संख्या में यहां पर खिचड़ी चढ़ाने के लिए आते हैं. बुधवार रात से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग गई. खिचड़ी का दान इस बात को भी प्रदर्शित करता है कि हमारा अन्नदाता किसान अपनी मेहनत और पुरुषार्थ से अन्न उत्पन्न करता है, तो अपने ईष्ट को भी दान स्वरूप देता है. खिचड़ी सुपाच्य भोज्य भी है.
धर्मो रक्षति रक्षितः | श्री गोरक्षनाथो विजयतेतराम | यतो धर्मस्ततो जयः
प्रकृति व संस्कृति के मंगलकारी स्वरूपों की उत्सवधर्मी अभिव्यक्ति "मकर संक्रांति (खिचड़ी)" पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। लोक आस्था की जीवंतता का प्रतीक यह पर्व हमारे जीवन में उत्साह का संचार करे। pic.twitter.com/SGC2Us3Kvk — Shri Gorakhnath Mandir (@GorakhnathMndr) January 13, 2021
मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने वालों की आ रही भीड़ को देखते हुए पूरे शहर में यातायात परिवर्तन किए गए हैं. शहर और मंदिर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस-पीएसी और पैरामिलिट्री के जवानों की तैनाती की गई है. पुलिस व प्रशासनिक आला-अफसर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं. मंदिर के मुख्य द्वारा से गर्भ गृह तक श्रद्धालुओं को जाने के लिए बेरिकेडिंग कर पांच रास्ते बनाए गए हैं.
Gorakhpur: Devotees in large numbers queue at Gorakhnath temple to offer prayers on #MakarSankranti today. pic.twitter.com/Apf64p3S20
— ANI UP (@ANINewsUP) January 14, 2021
स्नान का भी है महत्व मकर संक्रांति के दिन स्नान का भी काफी महत्व है. लोग प्रयागराज, गढ़मुक्तेश्वर, काशी और देश-प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर सरोवरों में स्नान कर इस आस्था की उपासना कर रहे हैं. सूर्य देव जिस तरह से इस सृष्टि के पिता है. उसी तरह चेतनता के अंश हम सभी का समाज और राष्ट्र के लिए अनुकूल होगा. जगतपिता सूर्य की उपासना के साथ किसानों के लिए बहुत सारे स्थान पर किसानों की उमंग और उत्साह के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है.
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