UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को योजना भवन लखनऊ में महत्वपूर्ण बैठक की. जिसमें प्रदेश को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के संकल्प की पूर्ति की दिशा में जारी प्रयासों, अब तक के परिणामों और भावी नीति पर समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने सभी 10 सेक्टरों में जारी कार्यों की समीक्षा की. कंसल्टिंग एजेंसी डेलॉयट इंडिया ने विस्तार से प्रदेश के आर्थिक परिवेश की वर्तमान स्थिति और संभावित भावी परिणाम, उद्योग जगत की अपेक्षाओं आदि के संबंध में सेक्टरवार विस्तार से जानकारी दी. बैठक में विभिन्न विभागों के मंत्री, शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारी और सलाहकारों के साथ विशेषज्ञ मौजूद रहे.


मुख्यमंत्री ने बताया कि, बीते 7 वर्षों के नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सार्वकालिक सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है. 2021-22 में प्रदेश की कुल जीडीपी ₹16.45 लाख करोड़ थी, जो आज 2023-24 में ₹25.48 लाख करोड़ से अधिक हो गई है. इस वर्ष हमारा GSDP लक्ष्य ₹32 लाख करोड़ का है. सभी के सहयोग से यह लक्ष्य भी पूरा होगा. इन 7 वर्षों में GDP और प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हुई है. उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है.


"वित्तीय वर्ष 2023-24 के लक्ष्य को पूरा किया"


वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अलग-अलग सेक्टरों के लिए सकल मूल्य वर्धन (GVA) का जो लक्ष्य रखा गया, उसके सापेक्ष अधिक वृद्धि देखी गई है. वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था (OTDE) के लक्ष्य की प्राप्ति में सभी विभागों की भूमिका महत्वपूर्ण है. पिछले वर्ष का रिपोर्ट कार्ड भी विभागों की सक्रियता को प्रदर्शित करता है. हमारी नीति और नियोजन सही है. आवश्यकता है बड़े लक्ष्य के लिए अपनी स्पीड तेज करने की जरूरत है. इसकी रेग्युलर मॉनीटरिंग होनी चाहिए. 






सीएम योगी ने बताया कि, 2023-24 में प्रदेश का कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) लगभग 16% दर्ज किया गया है. यह स्थिति उत्साहजनक है. वर्तमान वर्ष के लिए 25% का लक्ष्य है. सभी विभागों को अपने प्रयास तेज करने होंगे. हमारा लक्ष्य स्पष्ट है. सभी को मिलकर सही नीति और नियोजित क्रियान्वयन के लिए प्रयास करना होगा.


योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, हर सेक्टर में अवसर हैं, हमें नवाचारों को बढ़ावा देना होगा. कृषि सेक्टर में सीड इकोसिस्टम को बेहतर करना होगा, इसके लिए सीड पार्क जैसे प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है. किसानों को दलहन, तिलहन, मिलेट अन्न की बोआई के लिए प्रोत्साहित करते हुए फसल विविधीकरण एवं बेहतर सप्लाई चेन मैनेजमेंट और बेहतर करने की आवश्यकता है. अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन की वृद्धि दर को दोगुनी तेजी देने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित करें, संसाधन उपलब्ध कराएं, नवाचारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. 


रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रान्सफार्म दिखा परिणाम
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रान्सफार्म के मंत्र का अर्थव्यवस्था के द्वितीयक खंड सबसे अच्छा परिणाम देखने को मिला है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तेज वृद्धि दर उत्साहित करने वाली है. अनेक निवेशक उत्तर प्रदेश में आने के लिए तैयार हैं. टेक्सटाइल पार्क, सोलर पार्क, प्लेज पार्क के अनेक प्रस्ताव मिल रहे हैं. इन्वेस्टमेंट और भूमि अधिग्रहण से जुड़े प्रकरण लंबित नहीं रहने चाहिए. इसके लिए जिलाधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी. 


सीएम योगी ने कहा कि, OTDE के लिए हमें निजी और सार्वजनिक निवेश को और बढ़ाना होगा. इन्वेस्टर आउटरीच को और बेहतर करने की आवश्यकता है. सिंगल विंडो प्रणाली को और सरल तथा अधिक पारदर्शी बनाया जाए. ऊर्जा सेक्टर को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम करने की जरूरत है. गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने नीति जारी की है. हमें सोलर एनर्जी कैपेसिटी को बढाने पर काम करने की जरूरत है. प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना का कवरेज बढाने का प्रयास करें.


अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डालेगा महाकुंभ
होटल/रेस्टोरेंट, ट्रान्सपोर्ट, संचार, रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विस, व अन्य सेवाओं वाले तृतीयक खंड में प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है. अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, काशी, प्रयागराज, नैमिषारण्य इसके महत्वपूर्ण केंद्र हैं. वर्तमान वर्ष में अब तक 62 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हो चुका है.यह टूरिस्ट फुटफॉल लोकल इकॉनमी को बढ़ावा देने वाला है. अगले वर्ष प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन है. यह पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा असर डालने वाला होगा. 


आईटी सेक्टर को दिया उद्योग का दर्जा 
गौतमबुद्ध नगर आज आईटी/आईटीईइस का ग्लोबल हब बन कर उभरा है. लखनऊ में AI City की भूमि चिन्हित की जा चुकी है, इससे संबंधित पॉलिसी यथाशीघ्र लाई जाए. परियोजना पर काम तेज किया जाना चाहिए. स्टार्ट अप पंजीकरण के लिए कानपुर के साथ-साथ नोएडा में भी सुविधा कार्यालय प्रारंभ कराया जाए.


परिवहन सेक्टर की बेहतरी के लिए ठोस प्रयास किये जाने चाहिए. असेवित क्षेत्रों के लिए बसों का संचालन करें. निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाना चाहिए. जल मार्ग परिवहन संबंधित प्राधिकरण का गठन किया गया है, इस दिशा में भी आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम मिलेंगे.  OTDE के लिए हर विभाग का लक्ष्य पहले से ही निर्धारित है. इसकी प्रगति की सतत समीक्षा आवश्यक है. हर विभाग की कैपेसिटी बिल्डिंग की जरूरत है. आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लिए नगर निकायों व ग्राम पंचायतों का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है.


ये भी पढ़ें: खैर विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू, 25 अक्टूबर तक भरा जाएगा पर्चा