राम मंदिर के आचार्य सत्येंद्र दास ने शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे को लेकर प्रतिक्रिया दी है.  प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में राममय माहौल है, लेकिन इसी बीच कुछ नेता इसको लेकर सवाल उठा रहे हैं. इस बारे उन्होंने कहा कि देखिये उनको संदेश दें कि भगवान किसी एक के नहीं हैं, सबके हैं. भगवान कोई एक पार्टी के नहीं हैं. इसलिए यदि भगवान में श्रद्धा विश्वास है, उसी के भगवान हैं. यह राजनीति से परे है और इसमें जिसका विश्वास, जिसकी श्रद्धा होगी, वही पूजा अर्चना करेगा.


उन्होंने कहा कि  जा पर कृपा राम की होई ता पर कृपा करैं सब कोई, इसे उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए दर्शन करें और उनको ईश्वर के रूप में मानता दें और उससे आपको लाभ होगा और यदि नहीं ऐसा करते हैं तो कोई बात नहीं, उनको अपने ढंग से अपना काम करते रहें.


ठाकरे को दिया ये संदेश
उन्होंने कहा, बीच-बीच में कांग्रेस के नेता कहने लगते हैं, वहां नई मूर्ति की आवश्यकता क्यों पड़ी? शिवसेना भी एक अलग प्रकार का बयानबाजी करती है. इस बारे में सतेंद्र दास का कहना है कि हम यह बात कहते हैं कि शिवसेना इसमें सहयोगी रही है. कांग्रेस तो कभी सहयोगी नहीं रही है. बल्कि वह श्रीराम विरोधी रही है. लेकिन शिवसेना उस समय से साथ रही जब बाल ठाकरे थे. उनके बहुत श्रद्धा और इसमें विश्वास रहा और कारसेवा के समय जब विवादित ढांचा गिरा तब भी शिवसेना के लोग रहे. तो शिवसेना को उसी रूप में मानना चाहिए जिस रूप में बाल ठाकरे मानते रहे और उनकी परंपरा को निर्वहन करें. भगवान को ईष्टदेव मानते रहें, भगवान का सम्मान करते रहें. विशेषकर उद्धव ठाकरे को भी वही पालन करना चाहिए.


Ram Lalla Pran Pratishtha: कब से मुख्य पुजारी हैं सत्येंद्र दास, 32 साल पुराना है सफर, जानिए कहां से की है पढ़ाई


कांग्रेस के लोग दर्शन करने आए थे, इस पर उन्होंने कहा कि आएंगे, नहीं आएंगे. देखिए भगवान कहते हैं मोहे कपट छल छिद्र भाव से जो आते हैं, उनका कोई महत्व नहीं हैं. जो समर्पित होके आएंगे, उन्हीं को फल मिलेगा और उन्हीं को मान्यता मिलेगी.