जतिवाद की जकड़न, दलित बच्चों के साथ खाना नहीं खाते सामान्य जाति के बच्चे, मायावती बोलीं- दुखद
बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि 'यूपी के बलिया जिले के सरकारी स्कूल में दलित छात्रों को अलग बैठाकर भोजन कराने की खबर अति-दुखद व अति-निन्दनीय है।
बलिया, एबीपी गंगा। जाति की जंजीरों में समाज आज भी जकड़ा हुआ है। यूपी के बलिया से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां दलित बच्चे बाकी बच्चों से अलग खाना खाने पर मजबूर हैं। इस पूरे मामले को यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी मुखिया मायावती ने बेहद गंभीर बताते हुए कार्रवाई की मांग की है।
Ballia: Some students at a primary school in Rampur bring plates from their home for mid-day meals & eat separately from SC/ST & Dalit students; a student says, "anyone can eat in the plates available in schools, so we bring separate plates from home" pic.twitter.com/MSNotk7V33
— ANI UP (@ANINewsUP) August 28, 2019
बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि 'यूपी के बलिया जिले के सरकारी स्कूल में दलित छात्रों को अलग बैठाकर भोजन कराने की खबर अति-दुखद व अति-निन्दनीय. बीएसपी की मांग है कि ऐसे घिनौने जातिवादी भेदभाव के दोषियों के खिलाफ राज्य सरकार तुरन्त सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि दूसरों को इससे सबक मिले व इसकी पुनरावृति न हो।'
क्या है मामला
बलिया के रामपुर इलाके के प्राथमिक विद्यालय में कुछ बच्चे अपने घर से खाने के लिए प्लेट लाते हैं और एससी, एसटी बच्चों के साथ मिड डे मील नहीं खाते हैं। एक बच्चे ने कहा कि स्कूल की प्लेटों में सब लोग खाना खाते हैं इसलिए हम अपनी प्लेट घर से लाते हैं।
घर पर बताया जाता होगा
पूरे मामले पर स्कूल के प्रिंसीपल पुरुषोत्तम गुप्ता ने कहा, 'हम बच्चों से साथ बैठकर खाने को कहते हैं लेकिन जैसे ही हम जाते हैं, वे लोग फिर से अलग हो जाते हैं। शायद ऐसा घर पर बताया जाता होगा। हम सिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि सभी लोग बराबर हैं लेकिन फिर भी थोड़ा बहुत भेदभाव तो है।'
ऐसी बातें स्वीकार नहीं
मामले को लेकर बलिया के जिलाधिकारी भवानी सिंह ने कहा कि विद्यालय ऐसी संस्था है जहां बच्चों के चरित्र का निर्माण होता है। अगर ऐसा कोई मामला है तो उसकी जांच कराई जाएगी और सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। इस तरह की बातें स्वीकार नहीं की जा सकती हैं।