उत्तराखंड आपदा: भारी मशीनरी लेकर पहुंचा चिनूक हेलिकॉप्टर, फिर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
धौलीगंगा में पानी का जल स्तर बढ़ने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था. हालांकि, बाद में जल स्तर सामान्य होने पर बचाव अभियान फिर शुरू किया गया.
![उत्तराखंड आपदा: भारी मशीनरी लेकर पहुंचा चिनूक हेलिकॉप्टर, फिर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन Chinook Helicopter carried heavy machine and BRO personnel reaches in tapovan उत्तराखंड आपदा: भारी मशीनरी लेकर पहुंचा चिनूक हेलिकॉप्टर, फिर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/02/12132155/Chinook.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
तपोवन. उत्तराखंड में आई त्रासदी को पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी तपोवन सुरंग में फंसे कई लोगों को बाहर नहीं निकाला जा सका है. सुरंग में जमा मलबा रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी रुकावटें पैदा कर रहा है. धौलीगंगा नदी में गुरुवार को एक बार फिर जलस्तर बढ़ जाने से सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए जारी मैराथन अभियान में थोड़ी देर के लिए रूकावट आई, लेकिन उसे फिर शुरू कर दिया गया. चमोली के अपर जिला सूचना अधिकारी रवींद्र नेगी ने बताया कि धौलीगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण रूका बचाव अभियान दोबारा शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि बचाव दलों द्वारा सुरंग में मलबा हटाने तथा ड्रिलिंग का काम फिर शुरू कर दिया गया है.
भारी मशीनरी लेकर पहुंचा चिनूक उधर, सेना का हेलिकॉप्टर चिनूक गुरुवार को बीआरओ के लिए भारी मशीनरी लेकर पहुंचा. इसके अलावा 14 पैसेंजर्स और 1400 किलो लोड, बीआरओ के 5 अधिकारी और 3 टन सामान को यहां पहुंचाया गया.
#UPDATE: #Uttarakhand #HADROps ➡️ Chinook helicopters were utilised today to transport men, material & heavy loads towards rescue ops ➡️ 14 passengers and 1400 kg load was carried for NDRF and SDRF ➡️ 3T load and 5 personnel of BRO were also transported to forward locations pic.twitter.com/X0x2I5xZrb
— PRO Defence Lucknow (@ProDefLko) February 11, 2021
अब तक 36 लोगों मौत वहीं, इस आपदा में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 36 पहुंच चुकी है. गुरुवार को दो और शव बरामद किए गए हैं. राज्य सरकार ने बताया कि 10 शवों की पहचान की जा चुकी है. अभी तक 168 लोग लापता हैं.
धौलीगंगा में पानी बढ़ने से रोकना पड़ा बचाव अभियान बता दें कि इससे पहले, सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार अभियान चला रही सेना, आइटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम के बचाव कर्मियों और मशीनों को दोपहर बाद धौलीगंगा के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने के कारण सुरंग से बाहर निकालना पड़ा था. इससे प्रशासन को तत्काल क्षेत्र में अलर्ट जारी करना पड़ा था जिससे लोग सुरक्षित स्थानों पर भाग सकें. हालांकि, कुछ ही देर में नदी में जलस्तर सामान्य हो गया.
गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन एवं जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने तपोवन मे संवाददाताओं को वहां चल रहे बचाव और राहत कार्यों की जानकारी दी. रमन ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सुरंग के अंदर से मलबा निकालने का काम लगातार जारी है और बचाव कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है. जिलाधिकारी स्वाति ने बताया कि मरीन कमांडो की एक टुकडी के माध्यम से श्रीनगर डैम और उसके आसपास खोजबीन अभियान चलाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ को रैणी तपोवन के अतिरिक्त अलकनंदा व धौलीगंगा किनारे सर्च ऑपरेशन में लगाया गया है.
अलकनंदा किनारे मिले दो शव गुरुवार को अलकनंदा नदी के किनारे से दो और शव बरामद हुए जिसके साथ ही आपदा में अब तक मिलने वाले शवों की संख्या 36 हो गई जबकि 169 अन्य लोग अभी भी लापता हैं. इन लापता लोगों में वे 25-35 लोग भी शामिल हैं जो तपोवन सुरंग में फंसे हुए हैं। उधर, चमोली में कर्णप्रयाग संगम पर आपदा में मिले शवों का नियमानुसार 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया. आपदा में मरने वालों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा घोषित चार-चार लाख रूपये की सहायता राशि का वितरण भी शुरू कर दिया गया है.
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