UP News: चित्रकूट की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दहेज हत्या के मामले में सख्त सजा सुनाई है. मां-बेटे को उम्रकैद के साथ अर्थदंड से भी दंडित किया है. जुर्माने के तौर पर प्रत्येक को 27 हजार रुपए देने होंगे. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपाल दास ने बताया कि रैपुरा थाने के अगरहुंडा गांव निवासी शंकर दयाल की बेटी की शादी जून 2016 में पहाड़ी थाने के चिल्ला माफी गांव निवासी पप्पू पुत्र अवधेश से हुई थी. उन्होंने कहा कि शादी के बाद से ससुरालवाले गेंदिया को प्रताड़ित करने लगे.


दहेज हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला


गेंदिया से पति पप्पू और सास सुशीला दहेज की मांग की करते. दहेज की मांग नहीं पूरी होने पर ससुरालवालों ने विवाहिता को अप्रैल 2019 को जला दिया था. आग में झुलसी विवाहिता को दिया को सतना के अस्पताल में भर्ती कराया गया. सतना में कुछ दिनों तक गोंदिया का इलाज कराया गया. उसके बाद घर वापस लाकर इलाज नहीं कराया गया. पिता को जानकारी होने पर बेटी को लेने आए. उन्होंने बेटी को बांदा के अस्पताल में भर्ती कराया. बांदा में इलाज के दौरान गोंदिया की मौत 7 मई 2019 को हो गई.


मां और बेटे को सुनाई उम्रकैद की सजा


मायकेवालों ने थाने से बेटी के दहेज हत्या में इंसाफ की मांग की. थाने में सुनवाई नहीं होने पर मायकेवालों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने धारा 156(3) के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया. पुलिस ने जांच के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया. फास्ट ट्रैक कोर्ट में बचाव और अभियोजन पक्ष की बहस हुई. विशेष न्यायाधीश संजय कुमार ने दोनों तरफ की दलीलों पर सुनवाई की. सुनवाई में दहेज हत्या का दोष सिद्ध होने पर मां सुशीला और बेटे पप्पू को उम्रकैद की सजा सुनाई. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने प्रत्येक पर 27 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया.


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