Chitrakoot News: उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम दावों के बावजूद प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बुरा हाल है. ऐसा ही मामला सामने आया है चित्रकूट से जहां पर प्रसूता महिलाओं की डिलीवरी के लिए दलाल उनकी बोली लगाते हैं, यही नहीं उनके स्वास्थ्य कर्मी भी उनको गुमराह करके प्रसूता महिलाओं को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि ये दलाल अस्पताल में ही बैठे रहते हैं और आशा बहुओं से सांठगांठ करते महिलाओं को सरकारी अस्पताल में सुविधाएं नहीं होने का हवाला देकर प्राइवेट अस्पताल ले जाते हैं.
चित्रकूट के जिला अस्पताल में प्रसव कराने आने वाली प्रसूता महिलाओ की डिलीवरी कराने के लिए प्राइवेट अस्पताल के दलाल प्रसूता महिलाओं को अस्पताल के अंदर से गुमराह करते हुए निजी अस्पतालों में ले जाते हैं. इस पूरे खेल में कई आशा बहू और अस्पतालकर्मी भी शामिल है. इनकी ये पूरी करतूत कैमरे में भी कैद हो गई है.
अस्पतालों के अंदर दलालों का खेल
दरअसल प्रसूता महिला के परिजन प्रसव के लिए जब उन्हें जिला अस्पताल लाते हैं, तो यहां पर कई प्राइवेट अस्पतालों के दलाल अपने जाल में फंसा लेते हैं और सरकारी अस्पताल में सुविधाएं नहीं होने के हवाला देर और पैसों को लालच देकर अपनी गाड़ी में बिठाकर उन्हें प्राइवेट अस्पताल ले जाते हैं. सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात ये हैं कि इन अस्पतालों में डॉक्टर न होने के बावजूद कंपाउंडर और झोलाछाप डॉक्टर से उनका प्रसव कराते हैं. ऐसे में महिलाओं की जान को भी खतरा बना रहता है.
जिला अस्पताल के सीएमएस ने कही ये बात
इस मामले पर सीएमएस डॉक्टर सुधीर शर्मा का कहना है कि उनके अस्पताल में प्राइवेट अस्पताल के दलाल किसी बहाने से आकर बैठ जाते हैं और आशा बहुओं से अपनी सांठगांठ कर अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को प्राइवेट अस्पताल ले जाते हैं. कई बार उन्होंने दलालों को पकड़ा भी है जो मरीज को देखने आने का बहाना बनाकर बच निकलते हैं क्योंकि दलालों की आशाबहू से सांठगांठ रहती है और प्रसूता महिलाओं के परिजन भी आशा बहू के कहने पर उनके साथ चली जाती हैं और कोई शिकायत नहीं करती है.
दलालों पर क्या बोले मुख्य चिकित्सा अधिकारी
इस बारे में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर भूपेश द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सीएमएस द्वारा उनको एक वीडियो भेजा गया है, जिसमें आशा बहू प्रसूता महिला को अपने साथ प्राइवेट अस्पताल लिए जा रही है. उसकी जांच की जा रही है. सभी सीएचसी और पीएचसी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को आशा बहू को ऐसा ना करने के निर्देश दिए गए हैं, जो भी आशा बहू इस मामले में संलिप्त पाई जाएगी उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. वहीं दलालों पर उन्होंने कहा कि दलाल तो हमेशा रहे हैं और रहेंगे भी. इस पर सीएमएस को कार्यवाही करनी चाहिए.
सीएमएस और सीएमओ एक दूसरे पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ रहे हैं, लेकिन कार्यवाही नहीं कर रहे हैं. अस्पताल में दलालों का यह सिंडिकेट प्रसूता महिलाओं के जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है. कई बार प्रसूता महिलाओं को स्वास्थ्य महकमा लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा है. आपको बता दें कि ये वहीं सीएमएस डॉ सुधीर शर्मा हैं जिन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि अस्तपाल में खुशी का माहौल तो नाच लिया, सैफई में क्या उनकी अम्मा नाचती थी. इस बयान पर विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ है.
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