Chitrakoot News: ददुआ गैंग का मास्टरमाइंड जेल से निकला बाहर, 3 दशकों तक फैलाया आतंक, अब कही समाज सेवा की बात
UP News: सन 2007 में ददुआ के एसटीएफ के हाथों मारे जाने के बाद 2008 में राधे उर्फ सूबेदार पटेल ने सरेंडर किया था, जिसे यूपी पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया था और चित्रकूट के रगौली जेल में बंद था.
Chitrakoot News: तीन दशकों तक जरायम की दुनिया में आतंक फैलाने वाले दस्यु सम्राट ददुआ गैंग के मास्टरमाइंड और शार्पशूटर माने जाने वाले राधे उर्फ सूबेदार पटेल की आज 14 साल 11 माह बाद जेल से रिहाई हो गयी है जिससे उसके परिजनों और समर्थकों में खुशी की लहर है. बता दें कि चित्रकूट में दस्यु सम्राट ददुआ गैंग का तीन दशकों तक आतंक का पर्याय था, जिसके आतंक से यूपी और एमपी सरकारें तक हिल जाती थी,
बसपा से लेकर सपा और कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक के सभी दल अपनी सियासत की बिसात चलाने के लिए ददुआ का आशीर्वाद लेते थे, लेकिन सियासी नाराज़गी के बाद बसपा सरकार में इस गैंग का खात्मा एसटीएफ ने मुठभेड़ में कर दिया था.
कौन है दस्यु राधे उर्फ सूबेदार पटेल?
इस गैंग के मास्टरमाइंड और शार्पशूटर कहे जाने वाला दस्यु राधे उर्फ सूबेदार पटेल सदर कोतवाली क्षेत्र के सपहा गांव का रहने वाला है, जिसने दस्यु सम्राट ददुआ के साथ जरायम की दुनिया में अपना कदम रखा था और रूह कंपा देने वाली कई घटनाओं को अंजाम देकर ददुआ गैंग का मास्टरमाइंड बना था.
सन 2007 में ददुआ के एसटीएफ के हाथों मारे जाने के बाद 2008 में राधे उर्फ सूबेदार पटेल ने अपने चार साथियों के साथ मध्यप्रदेश के बरौंधा थाने में सरेंडर किया था, इसके बाद वह मध्यप्रदेश के जेल में बंद था. जिसे यूपी पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया था और चित्रकूट के रगौली जेल में बंद था. इस पर लूट, हत्या, डकैती, सामूहिक नरसंहार और मर्डर जैसे कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे और मुकदमे न्यायालय में विचाराधीन थे.
सूबेदार पटेल को कोर्ट ने करीब 8 मामलों में दोषी करार देते हुए उम्रकैद और फांसी की सजा भी सुनाई थी, जिस पर आरोपी डकैत ने उच्च न्यायालय में अपील की थी, जिसपर अब उच्च न्यायालय ने रिहाई के आदेश दिए. अब इनामी डकैत राधे और सूबेदार की रिहाई हो गई है. रिहाई की खबर सुनते ही दस्यु सम्राट ददुआ के बेटे और सपा पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल भी उनको लेने के लिए जिला जेल रगौली पहुंचे, जहां डकैत राधे के परिजनों और सैकड़ों की तादाद में उनके समर्थक मौजूद थे.
डकैत राधे के बाहर निकलते ही लोगों ने फूल माला पहनाकर उसका स्वागत किया. वहीं जेल से बाहर निकलने के बाद इनामी डकैत रहे राधे उर्फ सूबेदार का कहना है कि गांव दारी में जमीनी विवाद जैसे रंजिश में उन्होंने जंगल का रास्ता अपनाया था. 3 दशकों तक वह बागी था, उस पर कईं मुकदमे थे जो कोर्ट में विचाराधीन थे. अब सभी मामलों पर बरी होने पर उसकी रिहाई हुई है जो अब वह सामाजिक जीवन जीएंगे और समाज की सेवा करेंगे.
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