'हैलो..मैं जेलर बोल रहा हूं..' चित्रकूट में ठगी का अनोखा तरीका, कैदी के परिजनों को फोन कर मांगे रुपये
Chitrakoot News: ये ठग उन परिवार से संपर्क करते हैं जिसका कोई सदस्य जेल में बंद हैं. ये खुद को जेलर बताकर बंदी की तबियत खराब होने की वजह बताकर परिजनों से पैसे वसूलते हैं.
Chitrakoot News: अब तक आपने ठगी के की मामले सुने होंगे लेकिन यूपी के चित्रकूट से ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पुलिस के साथ-साथ अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया है. ठगों का ये गैंग ऐसे परिवारों से संपर्क करता है जिनके घर का एकाध सदस्य जेल में बंद है. इसके बाद ये लोग जेलर बनकर ऐसे परिवारों को फोन करते हैं और कहते हैं कि उनका भाई जो जेल में बंद है वो बीमार हो गया है, उसके इलाज के लिए खाते में पैसे जमा करवा दो और उनसे पैसे ले लेते हैं.
चित्रकूट में ऑनलाइन ठगी करने वालों ने नया तरीका इजाद किया है. जिसके सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. ये लोग फोन पर उन परिवार से संपर्क करते हैं जिनके एकाध सदस्य जेल में बंद हैं. ठग खुद को जेलर बताकर बंदी की तबियत खराब होने के कारण इलाज के लिए खाते में रुपये जमा कराने के लिए कहते हैं. जिले में अब तक पांच ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद पुलिस इनकी तलाश में जुट गई है.
ऐसे हुआ ठगी का खुलासा
दरअसल बुधवार को मऊ थाना क्षेत्र के खंडेहा निवासी रवि कुमार ने पुलिस अधीक्षक को दिये पत्र में बताया कि उसका भाई रोहित एक मामले में जेल में बंद है. सोमवार को उनके नंबर पर फोन आया कि वो जेलर सुनील सैनी बोल रहा है. उनका भाई रोहित जेल में गिरकर घायल हो गया है. उसे रक्त देने की जरूरत है, ऐसे में इलाज के लिए उसके खाते में 13 हजार 700 रुपये जमा करा दें. भाई के इलाज के लिए उन्होंने बताये गए खाता नंबर पर दो किश्त में रुपये जमा कराये. पैसे जमा कराने के बाद जब उसने जेल में जाकर भाई का हाल-चाल जानने की कोशिश की तो पता चला कि वो एकदम ठीक है. जेल से किसी ने भी फोन कर रुपये नहीं मांगे थे.
जांच में जुटी पुलिस
इस मामले में पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने जेल के अधिकारियों से जानकारी मांगी है. सर्विलांस के जरिये फ्राड करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है. उधर, जेल अधीक्षक शशांक पांडेय ने बताया कि उनके जेल में सुनील नाम का कोई जेलर नहीं है. उनके यहां से कोई फोन नहीं किया गया है. ये ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का काम है. ऐसे किसी मामले के सामने आने पर बंदी के परिजन जेल आकर स्वयं बंदी व अधिकारियों से जानकारी ले सकते हैं. पुलिस व जेल विभाग अब इस मामले की जांच करा रहा है.
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