UP News: बांदा (Banda) के यमुना नदी (Yamuna River) में शुक्रवार को नाव पलटने के बाद हुए बड़े हादसे (Banda Boat Accident) में कई लोगों की मौत हो गई. वहीं हादसे में कई लोगों के लापता होने के बाद भी चित्रकूट (Chitrakoot) जिला प्रशासन सीख लेने को तैयार नहीं है. मामला मऊ तहसील का है, जहां यमुना नदी के बियावल घाट और महिला घाट पर ग्रामीणों की जान जोखिम में डालकर नाव के माध्यम से ओवरलोड सवारियां बैठाकर नदी को पार कराया जा रहा है. जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. जिसमें दिख रहा है कि किस तरह नाव पर लोग अपनी जान जोखिम में डालकर दो दर्जन से ज्यादा लोग सवार हैं और नाव पर कई दोपहिया वाहनों को भी खड़ा किया गया है.
लापरवाह दिखा प्रशासन
बिना सुरक्षा उपकरण के नाविकों द्वारा चित्रकूट के इन दोनों घाटों से यमुना नदी को पार करा कर कौशांबी जिले के घाटों पर छोड़ा जा रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिस तरीके से शुक्रवार को बांदा में यमुना नदी नाव पलटने से कई लोग की मौत हो गई है और कई लोग लापता हैं, इसके बाद भी चित्रकूट जिला प्रशासन बड़ी घटना से सीख लेने को तैयार नहीं है. लगातार नाविकों द्वारा ओवरलोड सवारियों को बैठाकर नाव के माध्यम से ग्रामीणों को यमुना नदी पर मौत का सफर कराया जा रहा है.
सवालों पर कन्नी काट रहे एसडीएम
जब हमने इस मामले में मऊ तहसील के एसडीएम नवदीप शुक्ला से बात की तो उनका कहना है कि शुक्रवार की घटना को देखते हुए, उन्होंने अपने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है. नाव पर तय सीमा से ज्यादा सवारियों के न बैठने के निर्देश दिए गए हैं और लगातार उनके द्वारा निगरानी बढ़ती जा रही है.
जब हमने एसडीएम साहब से नाविकों द्वारा बिना सुरक्षा उपकरण के ग्रामीणों को मौत सफर कराने का प्रश्न पूछा तो उन्होंने सुरक्षा उपकरण का प्रश्न सुनते ही मामले में गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कन्नी काट ली. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब जिला प्रशासन ही इतना बेपरवाह बना हुआ है. अगर कोई घटना होती है तो इसका कौन जिम्मेदार होगा, फिलहाल प्रशासन की यह लापरवाही कभी भी एक बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है.
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