Uttar Pradesh News: यूपी के चित्रकूट (Chitrakoot) जनपद में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच चुका है जिसके चलते यमुना नदी (Yamuna river) का बाढ़ का पानी नदी किनारे बसे दो दर्जन से ज्यादा गांवों में पहुंच गया है. इसकी वजह से गांव का संपर्क शहर मुख्यालय से टूट गया है. इसके साथ ही जिन सड़कों पर वाहन चलते थे अब उन सड़कों पर नाव चलती हुई नजर आ रही है. बता दें कि यमुना नदी में बाढ़ (Flood) आने की वजह से जनपद की राजापुर और मऊ तहसील के दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आने से लोगों का आवागमन ठप हो गया है. आलम यह है कि लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं. राजापुर तहसील के सरधुआ, अर्की, अतरौली और विलास बांगर सहित एक दर्जन गांव यमुना नदी के बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. सरधुआं गांव में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है जिससे लोगों के घर पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं.


दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में
जिन लोगों के घर बाढ़ के पानी से डूब गए हैं उनको प्रशासन द्वारा प्राथमिक कंपोजिट्स विद्यालय के आश्रय स्थल पर रुकवाया गया है. प्रशासन द्वारा खाने-पीने के इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके साथ ही लगातार प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए हैं और लोगों से यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की जा रही है. वहीं मऊ तहसील के मवईकला, सेसासुबकरा, बरहा कोटरा, बियावल और मंडोर गांव सहित एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं जिससे शहर मुख्यालय से पूरी तरह आवागमन ठप हो चुका है. प्रशासन द्वारा नाव लगाकर यहां ग्रामीणों का आवागमन करवाया जा रहा है. गनीमत है कि अभी बाढ़ का पानी आबादी वाले क्षेत्र में नहीं घुसा है. कुछ ही घर बाढ़ की चपेट में आए हैं जिनको आश्रय स्थल पर रुकवाया गया है.


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किसानों की फसल बर्बाद
दोनों तहसील क्षेत्र के लगभग दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आने से लोग बेहद परेशान हैं. लोगों की सैकड़ों बीघा फसल भी जलमग्न हो चुकी है, किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा अपने अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रहे हैं और ग्रामीणों को हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दे रहे हैं. बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने 20 बाढ़ चौकियां बनाई है जिसमें राजापुर तहसील 7 और मऊ तहसील में 2 बाढ़ चौकियां बनाई गईं हैं. जिले में बनाए गए कंट्रोल रूम में बाढ़ के हालात का हर दिन अपडेट लिया जाता है. कहीं भी कोई सूचना मिलने पर उसको तुरंत संज्ञान में लेकर वहां राहत कार्य पहुंचाया जा रहा है.


कोई मदद नहीं मिल रही-लोग
फिलहाल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की सुविधा नहीं पहुंचाई जा रही है. उनको सिर्फ विद्यालय में रोक दिया गया है. उनके खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है और न ही कोई चिकित्सा की व्यवस्था की गई है. प्रशासन द्वारा जो नावें लगाई गईं हैं उन नावों पर भी उनसे किराया वसूला जा रहा है.


जिलाधिकारी ने क्या कहा
वहीं इस मामले में जिलाधिकारी अभिषेक आनंद का कहना है कि, यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से जनपद की दो तहसील बाढ़ से प्रभावित है. राजापुर और मऊ तहसील के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. राजापुर तहसील के 20 ग्राम पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं जिसमें आबादी क्षेत्र सरधुआं गांव बाढ़ से प्रभावित है. गांव के 20 परिवारों को आश्रय स्थल में रुकवा दिया गया है. आश्रय स्थल पर लोगों के रहने और खाने-पीने के सारे इंतजाम करवा दिए गए हैं.


लगातार निगरानी की जा रही-डीएम
जिलाधिकारी ने कहा कि, चिकित्सा व्यवस्था के भी इंतजाम किए गए हैं. राहत सामग्री के भी इंतजाम कर लिए गए हैं. मऊ तहसील के 16 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. मऊ तहसील का एक गांव ज्यादा प्रभावित है. इसके साथ ही 2 गांव का आवागमन ठप है जहां नावें लगा दी गईं हैं. यमुना और बेतवा का जलस्तर जिस तरह बढ़ रहा है उससे उम्मीद है कि अभी यमुना का जलस्तर और बढ़ेगा और बड़ी आबादी वाले क्षेत्र को प्रभावित करेगा. बड़ी आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को ठहरने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं. बाढ़ क्षेत्रों पर प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है.


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