एक्सप्लोरर

कांग्रेस की आंधी में चट्टान बनकर अड़ गए थे चौधरी चरण सिंह

यूपी में कांग्रेस का परचम लहरा रहा था, लेकिन ऐसे दौर में भी एक नेता था जिसे कांग्रेस की आंधी हिला तक नहीं सकी थी।

एबीपी गंगा: अक्सर आपने नेताओं को यह कहते हुए सुना होगा कि राजनीति में हमेशा दो और दो चार नहीं होते है। दो और दो का मिलान सियासत में इतना लोकप्रिय जुमला कैसे बन गया। क्या सच में सियासत के अपने समीकरण होते हैं, और  क्या इनका अनुमान लगा पाना आसान नहीं होता है, खासकर तब जब जमीनी स्तर पर चुनाव को लोकर चुनौतियां और मुद्दे अलग हों।

साफ हो गए थे विरोधी

हम आपको एक ऐसे ही चुनाव के बारे में बताते हैं। ये वो दौर था जब देश की सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में आम चुनाव हुए हुए थे। नेहरू-गांधी परिवार को लेकर उस वक्त देश के मन में क्या सम्मान था इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यूपी में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया था और उत्तर प्रदेश की 85 में से 83 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया था।

चरण सिंह को हिला नहीं सकी कांग्रेस

यूपी में कांग्रेस का परचम लहरा रहा था, लेकिन ऐसे दौर में भी एक नेता था जिसे कांग्रेस की आंधी हिला तक नहीं सकी थी। ये नाम था चौधरी चरण सिंह। उस दौर में भी चरण सिंह ने 85674 मतों से बागपत सीट जीतकर अपनी चौधराहट बरकरार रखी थी।

महफूज अली भी रहे ‘महफूज’

चौधरी चरण सिंह के अलावा मोहम्मद महफूज अली खान दूसरे ऐसे प्रत्याशी थे, जिन्होंने एटा लोकसभा सीट फतह कर भारतीय राजनीति में अपनी जोरदार आमद दर्ज कराई थी। महफूज अली खान भी लोकदल के टिकट पर मैदान में थे।

हार के बाद भी मजबूत दिखी आरएलडी

ये वो दौर था जब गौतमबुद्ध नगर सीट अस्तित्व में नहीं थी और तत्कालीन खुर्जा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के वीरसेन ने लोकदल के त्रिलोक चंद को 118025 मतों से मात दी थी। 1984 के आम चुनावों की एक और खास बात यह थी कि उस वक्त उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर लोकदल के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे।

ऐसे थो चौधरी चरण सिंह

केंद्र में मोरारजी देसाई सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद आपातकाल के दौरान हुए अत्याचार की जांच के लिए गठित शाह आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय गृहमंत्री रहते हुए चौधरी चरण सिंह ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करा दिया था। इसके विरोध में पूरे देश में हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दी थी। हालांकि, इससे पार्टी के भीतर मतभेद बढ़ गए थे जो बाद में सरकार के पतन की वजह भी बनी। प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई चरण सिंह के इस फैसले से सहमत नहीं थे।

...तो बुराई क्या है

पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने अपनी आत्मकथा ‘’कोर्टिंग डेस्टिनी’’ में एक रोचक किस्से का जिक्र किया है। 1978 में चौधरी साहब एक बार चुनाव सुधारों के लिए बनी मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के लिए निकल रहे थे, उसी वक्त एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि चौधरी साहब आप प्रधानमंत्री बनने के लिए ज्यादा ही उत्सुक लग रहे हैं। इस पर वह पत्रकार पर बुरी तरह बिफर पड़े और कहा कि यदि मैं ऐसा सोचता हूं तो उसमें बुराई क्या है, और फिर उसी पत्रकार से पलटते हुए सवाल किया कि क्या आप किसी बड़े अखबार के संपादक बनना नहीं पसंद करोगे और यदि ऐसा नहीं है तो फिर आपका जीवन व्यर्थ है।

सियासत में हार के भी मायने होते हैं। 1984 में जब कांग्रेस की आंधी चली तो भी आरएलडी मजबूत नजर आई थी। लेकिन उसके बाद आखिर वो कौन से कारण थे जिसकी वजह से आरएलडी राजनितिक पार्टी के रूप में सिमट गई। आरएलडी के लिए वो वक्त फिर कब लौटेगा ये तो नहीं पता लेकिन इतना जरूर है कि चरण सिंह की चौधराहट को व्यापक जनसमर्थन प्राप्त था।

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'ब्लैकमेल कर रही थी महालक्ष्मी, इसलिए किए 59 टुकड़े', बेंगलुरु मर्डर पर आरोपी के भाई का बड़ा दावा
'ब्लैकमेल कर रही थी महालक्ष्मी, इसलिए किए 59 टुकड़े', आरोपी के भाई का बड़ा दावा
सपा विधायक के आवास पर बुलडोजर चलाने की तैयारी? आखिर अखिलेश के MLA का मकान क्यों होगा जमींदोज
सपा विधायक के आवास पर बुलडोजर चलाने की तैयारी? आखिर मकान क्यों होगा जमींदोज
Isha Sharvani Birthday: मार्शल आर्ट से लेकर डांस तक में माहिर हैं ईशा शरवानी, 8 साल तक क्रिकेटर को किया डेट, अब हैं सिंगल मदर
विद्युत जामवाल जैसी ही फाइटर हैं ईशा शरवानी, आता है सबसे पुराना मार्शल आर्ट
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Government of Punjab : पंजाब सरकार ने सड़कों पर तैनात SSF को बनाया हाईटेक, सड़क हादसे से मिली राहतIIFA Utsavam 2024 Full List Of Winners: Aishwarya Rai Bachchan ने जीता बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड | KFHGovernment of Punjab : पंजाब सरकार की कोशिश से हो रहा 83,857 करोड़ का निवेश, मिलेंगी 3 लाख नौकरियांGovernment of Punjab : पंजाब सरकार ने दी हजारों सरकारी नौकरियां, नौकरी मिली तो बाहर गए लोग घर लौटे

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'ब्लैकमेल कर रही थी महालक्ष्मी, इसलिए किए 59 टुकड़े', बेंगलुरु मर्डर पर आरोपी के भाई का बड़ा दावा
'ब्लैकमेल कर रही थी महालक्ष्मी, इसलिए किए 59 टुकड़े', आरोपी के भाई का बड़ा दावा
सपा विधायक के आवास पर बुलडोजर चलाने की तैयारी? आखिर अखिलेश के MLA का मकान क्यों होगा जमींदोज
सपा विधायक के आवास पर बुलडोजर चलाने की तैयारी? आखिर मकान क्यों होगा जमींदोज
Isha Sharvani Birthday: मार्शल आर्ट से लेकर डांस तक में माहिर हैं ईशा शरवानी, 8 साल तक क्रिकेटर को किया डेट, अब हैं सिंगल मदर
विद्युत जामवाल जैसी ही फाइटर हैं ईशा शरवानी, आता है सबसे पुराना मार्शल आर्ट
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
भारत की जीत पर पाक खिलाड़ियों ने लहराया तिरंगा? वापस लौटने पर इनसे कैसा होगा बर्ताव, पाकिस्तान की आवाम ने दे दिया हिंट
भारत की जीत पर पाक खिलाड़ियों ने लहराया तिरंगा? वापस लौटने पर इनसे कैसा होगा बर्ताव, पाकिस्तान की आवाम ने दे दिया हिंट
Musheer Khan Accident: टीम के साथ जाना था पर क्यों बदला प्लान? जानें मुशीर के एक्सीडेंट से जुड़ी हर जरूरी बात
टीम के साथ जाना था पर बदला प्लान, जानें मुशीर के एक्सीडेंट से जुड़ी हर बात
Hassan Nasrallah: 'मानना मुश्किल कि वो बच गया', हसन नसरल्लाह की मौत का क्यों था IDF को भरोसा?
'मानना मुश्किल कि वो बच गया', हसन नसरल्लाह की मौत का क्यों था IDF को भरोसा?
UP Police Constable Result 2024: घर बैठे फोन पर ऐसे चेक करें यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल का रिजल्ट, आसान है प्रोसेस
घर बैठे फोन पर ऐसे चेक करें यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल का रिजल्ट, आसान है प्रोसेस
Embed widget