मऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में अंधविश्वास की रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। अंधविश्वास की इस घटना के की चर्चा पूरे जिले में है। मर चुकी एक बच्ची के शव को तीन दिन से उसके घर पर रखा गया था, ताकि तंत्र-मंत्र के जरिए उसे जिंदा किया जा सके।


अंधविश्वास के चलते बच्ची को जिंदा करने के लिए प्रार्थना सभा की जा रही थी। मामले की सूचना मिलने के बाद जिले के एसपी ने मौके पर फोर्स भेजकर पुलिस की निगरानी में बच्ची का अंतिम संस्कार कराया। जानकारी के मुताबिक प्रार्थना करवाने वाले लोग ईसाई मिशनरी हैं और धर्मांतरण के कार्य में भी संलिप्त हैं।


घटना मऊ जिले के चिरैयाकोट थानाक्षेत्र के कारूबीर गांव की है। अरविंद बनवासी की चार साल की बेटी महिमा को गुरुवार की रात में उल्टी और पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई। परिजन बच्ची को लेकर पहले निकट के स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे यहां डॉक्टरों ने बच्ची को रेफर किया दिया। इसके बाद बच्ची को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार को बच्ची की मौत हो गई तो परिजन शव को लेकर घर आ गए।



जिले के कवरूपुर गांव की दलित मुसहर बस्ती के रहने वाले अरविंद के दो बेटे और दो बेटियां थीं। अरविंद पेशे से ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने का काम करता है। उसी से उसके परिवार का भरण पोषण होता है। अचानक एक दिन अरविंद के बेटे आशीष की मौत हो गई। उसके बाद उसे दूसरा बेटा हुआ जिसकी मौत जन्म के वक्त ही हो गई।


टूट गया परिवार


दूसरे बेटे की मौत के बाद बेटी महिमा की भी तबीयत खराब हुई तो उसे इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। बारी-बारी से तीन बच्चों की मौत से अरविंद का पूरा परिवार टूट गया। इसके बाद परिवार के लोग अंधविश्वास के चक्कर में फंस कर बेटी को जीवित करने के लिए तीन दिनों तक प्रार्थना करते रहे। मामले की जानकारी जब एसपी अनुराग को हुई तो उन्होंने शव को कब्जे में लेने के लिए मौके पर एसओ को भेजा। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अपनी निगरानी में बच्ची का अंतिम संस्कार कराया।


बच्ची को जिंदा करने का दिया भरोसा


ग्रामीणों के अनुसार, अरविंद बनवासी ने कुछ साल पूर्व ईसाई धर्म को अपना लिया था। उनकी बच्ची की जब मौत हुई तो सूचना पाकर ईसाई धर्म के कुछ लोग अरविंद के घर पहुंच गए। इन लोगों ने ही बच्ची को जिंदा करने का भरोसा दिलाते हुए प्रार्थना शुरू कर दी लेकिन तीन दिन से चल रही प्रार्थना के बाद भी बच्ची जिंदा नहीं हुईं।



सक्रिय हैं ईसाई मिशनरी


जानकारी के मुताबिक, प्रार्थना करवाने वाले लोग ईसाई मिशनरी हैं। पिछले लगभग 12 वर्षों से ये लोग धर्मांतरण और प्रार्थना करवाते हैं। इनका मुख्य धर्मगुरु जौनपुर जिले के रामदयालगंज का निवासी राजेन्द्र चौहान पास्टर है, जो हर साल 25 दिसंबर को यहां आकर इस पूरे क्षेत्र में प्रार्थना करवाता है। बच्ची की मौत के बाद इन लोगों ने प्रार्थना शुरू की तो परिजनों ने भी बच्ची के जिंदा होने की उम्मीद लगा ली थी।