लखनऊ, एबीपी गंगा। अतीत के पन्नों में दर्ज सियासत का ये किस्सा उस दौर का है जब अटल बिहारी वाजपेयी युवा नेता थे और नेहरू उन्हें देखकर बोल उठे थे ये लड़का एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा।
जिस सीट से पहली बार संसद पहुंचे, वहीं से हारे वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी 1957 में यूपी की बलरामपुर सीट से जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे। उन्होंने इस सीट पर 10 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। अपना पहला चुनाव जनसंघ की टिकट पर लड़ने वाले वाजपेयी को बलरामपुर सीट ने उभरता हुआ राजनेता बनाया था। हालांकि, जिस सीट से जीतकर पहली बार वाजपेयी संसद पहुंचे, वहीं से उन्हें हार का भी सामना करना पड़ा था। 1962 के आम चुनाव में वाजपेयी को हराने के लिए कांग्रेस ने गांधीवादी शुभद्रा जोशी को उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा। दिलचस्प बात ये थी कि दोनों ही भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्सा रहे थे, लेकिन विचारधारा के स्तर पर दोनों बिल्कुल अलग थे।
बलराज साहनी ने किया था शुभद्रा के लिए प्रचार
दरअसल, कांग्रेस को आभास था कि वाजपेयी राजनीति का कभी न डूबने वाला सूरज हैं। ऐसे में बलरामपुर सीट पर जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस ने शुभद्रा जोशी पर भरोसा जताया। तब मतदाताओं पर अपनी छाप छोड़ने के लिए कांग्रेस ने शुभद्रा जोशी के पक्ष में उस समय के मशहूर बॉलीवुड अभिनेता बलराज साहनी से चुनाव प्रचार कराया। नतीजतन, वाजपेयी ये चुनाव हार गए। देश की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ था, जब हिंदी सिनेमा का कोई अभिनेता किसी राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने उतरा हो। हालांकि बाद में ये परंपरा बन गई। हेमा मालिनी से लेकर जया बच्चन, शत्रुघन सिन्हा, विनोद खन्ना, परेश रावल, अमिताभ बच्चन आदि तमाम बड़े फिल्मी सितारे राजनीति पार्टियों से न सिर्फ जुड़े बल्कि बड़े स्तर पर पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी किया।
....ये लड़का एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा
पहली बार संसद पहुंचे अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण को सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इतने प्रभावित हो गए थे कि यह तक कह डाला कि ये लड़का एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा। नेहरू ने ये बात तब कही थी कि जब उन्होंने दिल्ली में एक ब्रिटिश नेता से अटल बिहारी वाजपेयी की मुलाकात करवाई थी। इस दौरान उन्होंने ब्रिटिश नेता को अटल का परिचय देते हुए कहा- इनसे मिलिए, ये युवा एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा।