लखनऊ:  CISCE Result 2020: काउंसिल ऑफ द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने शुक्रवार को आईसीएसई (ICSE 10वीं) और आईएससी ( ISC 12वीं) कक्षा का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया. 10वीं का रिजल्ट 99.33 प्रतिशत गया है तो वहीं 12वीं रिजल्ट 96.8 प्रतिशत रहा. 10वीं यानी आईसीएसई में कुल 207902 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी जिनमें से 206525 स्टूडेंट्स परीक्षा पास कर पाए. इस बार आईसीएसई यानी 10वीं में लखनऊ की आस्था ने 99.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं. वहीं, आईएससी यानी 12वीं में लखनऊ के सुमित त्रिपाठी और निपुर्ण माथुर ने 99.75 प्रतिशत अंक हासिल कर मेधावियों की सूची में नाम शामिल किया.


कोरोना के चलते इस बार कुछ परीक्षाएं नहीं हो पाईं थीं. ऐसे विषयों में काउंसिल ने एक फॉर्मूले के तहत अंक देकर रिजल्ट तैयार किया हैं. राजधानी के सुमित त्रिपाठी ने 12वीं में 99.75 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए हैं. विज्ञान विषय के स्टूडेंट सुमित का सपना साइंटिस्ट बनने का है. उनका कहना है कि फोकस स्टडी से ये सफलता हासिल की है. सुमित के अनुसार अगर तैयारी अंकों के लिए करने की जगह नॉलेज के लिए की जाए तो सफलता जरूर मिलती है. सुमित के पिता BSNL में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और मां गृहणी हैं.



ICSE यानी 10वीं में लखनऊ की आस्था ने 99.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं. आस्था इसरो में जाकर एस्ट्रोनॉट बनना चाहती हैं. जीवन में वो मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से प्रभावित हैं. आस्था के अनुसार सबसे जरूरी है हार्ड वर्क. इसके साथ ही टीचर्स की बात सुनना और उसके अनुसार तैयारी से सफलता मिलती है. मेहनत का कोई विकल्प नहीं. आस्था के पिता शैलेन्द्र त्रिपाठी गुरुग्राम में प्राइवेट जॉब करते हैं जबकि मां रंजना शिक्षिका हैं.


सीआईएससीई बोर्ड ने कहा है कि वो इस साल मेरिट लिस्ट जारी नहीं करेगा. इस साल परीक्षाएं अलग परिस्थितियों में हुईं थीं, इस वजह से बोर्ड ने तय किया है कि 10वीं और 12वीं दोनों की मेरिट लिस्ट जारी नहीं करेंगे. परीक्षाएं पूरी नहीं हो पाईं थीं इसलिए इंटर्नल असेसमेंट के आधार पर अंक दिए गए. ऐसे में मेरिट जारी करना वाजिब नहीं होगा. 10वीं में इस बार कुल 1.1 लाख लड़कों और 95 हजार लड़कियों ने परीक्षा दी थी.


सीआईएससीई बोर्ड दोनों क्लास के स्टूडेंट्स को यह सुविधा देगा कि जो स्टूडेंट्स अपने अंकों से संतुष्ट न हों वे आगे होने वाली परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं. जब स्थितियां सामान्य होंगी उस समय 10वीं और 12वीं दोनों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और जो स्टूडेंट्स अपने रिजल्ट से संतुष्ट न हों वे दोबारा परीक्षा देकर अपना स्कोर सुधार सकते हैं.


पिछले साल लड़कियों ने आईसीएसई और आईएससी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन किया था. आईसीएसई परीक्षा में बैठने वाली 89297 लड़कियों में से 88447 उत्तीर्ण हुई थीं और वहीं, आईएससी कक्षा 12वीं में शामिल होने वाली 39964 लड़कियों में से 39100 को सफलता मिली थी. आईसीएसई की परीक्षा में 106974 लड़के शामिल हुए थे और इनमें से 104966 उत्तीर्ण हुए थे. वहीं, आईएससी परीक्षा में 46749 लड़के शामिल हुए थे, जिनमें 44797 पास हुए थे.


यह भी पढ़ें: