उत्तराखंड : नाबालिग लड़की के उत्पीड़न मामले में सिविल जज बर्खास्त, 2018 से सस्पेंड चल रही थीं
सिविल जज दीपाली शर्मा के घर 2018 में पुलिस ने छापा मारा था. इस दौरान 13 साल की लड़की मिली थी जो घर पर काम करती थी. लड़की के शरीर पर चोट के निशान मिले थे.
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देहरादून. उत्तराखंड में एक सिविल जज को घर में घरेलू कामकाज के लिए रखी एक नाबालिग लड़की का वर्षों तक कथित तौर पर उत्पीड़न करने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.
2018 से चल रही थी निलंबित
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बुधवार को बताया कि हरिद्वार की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) दीपाली शर्मा को सेवा से बर्खास्त किए जाने संबंधी आदेश अतिरिक्त मुख्य सचिव राधा रतूडी ने इस संबंध में राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद जारी कर दिए. शर्मा के हरिद्वार स्थित आवास में लड़की ने 2015 से लेकर 2018 तक घरेलू कामकाज किया था. इस मामले में जज फरवरी, 2018 से निलंबित चल रही थीं.
घर पर मारा गया था छापा
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के इस संबंध में दिए गये आदेश के अनुपालन में पुलिस ने जनवरी, 2018 में जज के हरिद्वार स्थित घर में छापा मारा था जहां से उसे 13 वर्षीय लड़की मिली थी. बरामदगी के दौरान लड़की के शरीर पर चोटों के कई निशान पाए गये थे. इसके बाद पुलिस ने शर्मा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जिसके एक महीने बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया.
हरिद्वार के जिला जज राजेंद्र सिंह द्वारा शर्मा के घर में लड़की के कथित उत्पीड़न के संबंध में रिपोर्ट दिए जाने के बाद इस मामले में उच्च न्यायालय ने दखल दिया था. शर्मा की बर्खास्तगी इस संबंध में उत्तराखंड उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ द्वारा पारित प्रस्ताव और राज्य सरकार की सिफारिश के आधार पर हुई है.
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