लखनऊ: विधान परिषद की पिक्चर गैलरी में विनायक दामोदर सावरकर यानी सावरकर का चित्र लगाए जाने को लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया है. एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री जहां इसे गर्व की बात और प्रेरणा स्त्रोत बता रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस इसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अपमान.


सीएम योगी ने सावरकर बड़ें क्रांतिकारी


पिक्चर गैलरी का लोकार्पण करने के बाद सीएम योगी ने कहा, यहां वो सभी चित्र हैं, जिनका स्वाधीनता संग्राम से रिश्ता है. सीएम ने कहा कि इस चित्र वीथिका में वीर सावरकर का भी नाम है, जो एक ही जन्म में दो आजीवन कारावास की सजा पाते. सावरकर के लिए कहा जाता है कि पिछली सदी में उनसे बड़ा क्रांतिकारी, साहित्यकार, कवि, दार्शनिक नहीं हुआ. इन सबसे हमे नई प्रेरणा मिलती है.


कांग्रेस ने कहा-स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान


तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह ने सावरकर का चित्र गैलरी से हटाने के लिए परिषद के सभापति रमेश यादव को पत्र लिखा है. इसमे सावरकर का चित्र गैलरी में लगाये जाने को आपत्तिजनक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अपमान बताया है. दीपक सिंह ने कहा कि सावरकर का चित्र यहां से हटाकर बीजेपी के संसदीय कार्यालय के अंदर लगवा दिया जाए.


दिनेश  शर्मा बोले-कांग्रेस का बयान सही नहीं


वहीं, दीपक सिंह के बयान को डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने गलत बताया. उन्होंने कहा कि जो सावरकर देश की खातिर सलाखों के पीछे गए. एक जीवन में दो आजीवन कारावास की सजा काटी, एक ही जेल में रहते हुए 10 साल अपने भाई से अलग रहे, उनके लिए ऐसी बयानबाजी सही नहीं.


भाजपा एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने इसे कांग्रेस का सियासी बयान बताया. उन्होंने कहा कि, जिस समिति ने पिक्चर गैलरी में तस्वीरों को फाइनल किया उसमे दीपक सिंह भी शामिल थे लेकिन तब आपत्ति नहीं की. अब लोकार्पण के समय सियासत कर रहे. विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सावरकर प्रेरणा स्त्रोत है, ऐसे व्यक्ति की तस्वीर को लेकर राजनीति उचित नहीं.


ये भी पढ़ें.


महमूद हसन बने हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, राम मंदिर के लिये दिया चंदा, पीएम मोदी से है खास नाता