रायबरेली. मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत बालिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए रायबरेली जिले में भी सराहनीय कदम उठाया गया है. जिसमें कक्षा आठ की एक बालिका को एक दिन का नामित डीएम बनाया गया. बालिका ने जनसुनवाई कर मातहत अधिकारियों को तत्काल मामले के निस्तारण का निर्देश भी दिया. बगल में बैठे जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव बालिका को प्रोत्साहित करने का काम करते दिखाई दिए.


डीएम बनकर सुनी जनसमस्याएं


मिताली विश्वकर्मा ,पूर्व माध्यमिक विद्यालय रोझइया भीखम शाह , विकासखंड जगतपुर में कक्षा आठ की छात्रा है. बड़ी मेधावी व होनहार बालिकाओं के रूप में मिताली की गिनती होती है. मिताली को रायबरेली जनपद का एक दिन का नामित जिलाधिकारी बनाया गया. जिनके साथ जिले के डीएम वैभव श्रीवास्तव भी लगे रहे. मिताली जनसमस्याओं को भी सुनती रहीं, चाहे वह जमीन का मामला हो, नाली खड़ंजा का मामला हो , कोटेदार का मामला हो, सभी मामलों में मातहतों को तत्काल कार्रवाई कर निस्तारित करने का निर्देश भी मिताली देती रही और मातहत अधिकारी तत्काल निस्तारण का आश्वासन भी नामित जिलाधिकारी को देते रहें. मिताली जिलाधिकारी की कुर्सी पर विराजमान थी तो वहीं उनके बगल में आइएएस वैभव श्रीवास्तव भी बैठे थे. बीच-बीच में वैभव श्रीवास्तव नामित जिलाधिकारी मिताली को सलाह भी देते नजर आए.


मिताली को एक दिन का जिलाधिकारी बनाकर बालिकाओं को प्रोत्साहित करने का रायबरेली जिलाधिकारी का यह पहला कदम था. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने शासन की मंशा के अनुरूप बालिकाओं को आत्मनिर्भर, आत्मानुशासन व दृढ़ संकल्पित बनाने का सराहनीय कदम उठाया है. आगे भी इस तरह के कार्यक्रम संचालित कर विभिन्न पदों पर बालिकाओं को नामित किया जाएगा और उन्हें प्रोत्साहन भी मिलेगा.


जिलाधिकारी का सराहनीय कदम


मिताली विश्वकर्मा के पिता राजेंद्र कुमार पंचायत विभाग में सफाई कर्मी हैं जबकि माता एक गृहणी. मिताली के एक भाई और एक बहन है. मिताली, मीना राजू मंच की अध्यक्ष भी हैं और इस मंच के माध्यम से आत्मरक्षा, विभिन्न रोगों से बचने के उपाय, बालिका शिक्षा के तहत बालिकाओं को जागृत करने के लिए प्रोत्साहित करने जैसा संदेश भी देती रहती हैं. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के सराहनीय कदम की जनपद में जमकर चर्चा हो रही है.


डीएम ने कहा कि आत्मविश्वास जगेगा


जिलाधिकारी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने मिशन शक्ति कार्यक्रम चलाया हुआ है, उसके तहत नारी शक्ति का सम्मान करने व बालिकाओं के अंदर आत्मविश्वास जागृत करने के लिये एक दिन का नामित जिलाधिकारी बनाया गया है. हमने इन्हें जनसुनवाई के लिये 10 से 12 बजे तक का समय रखा है. इस दौरान ये जितनी भी जनसुनवाई सुनेगीं और उसका निस्तारण करेंगी, इससे इनकी एक समझ बनेगी कि क्या क्या समस्याएं आती हैं. अपने में आत्मविश्वास बनेगा और भविष्य के लिये एक प्रेरणा भी मिलेग. अभी हमारा इस प्रकार का प्रयास रहेगा कि इस तरह के कार्यक्रम और चलाएं. न केवल जिलाधिकारी पद के जनपद में जितने भी पद होते हैं, उसमें बालिकाओं को सम्मान दें. प्रयास केवल इतना है कि नारी शक्ति का सम्मान हमेशा बना रहे.


वहीं मिताली ने बताया कि मुझे एक दिन का नामित डीएम बनाया गया है. मैंने जनसुनवाई में लोगों की समस्याएं सुनी. मातहतों को मैंने उसको निस्तारित करने का निर्देश भी दिया. भविष्य में आईएएस की तैयारी करके जिलाधिकारी ही बनना चाहती हूं. आज के इस दिन के लिए मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को धन्यवाद देना चाहती हूं.


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