Badrinath Dham Yatra: उत्तराखंड के चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट शीत काल के लिए बंद कर दिए गए हैं. बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद धाम में दो दिवसीय गहन 'स्वच्छता अभियान' चलाया गया. इस दौरान पंचायत की ओर से विभिन्न स्थानों से डेढ़ टन अजैविक कचरे का संग्रहण किया गया. जबकि, पूरे यात्रा काल के दौरान अजैविक कचरे का निस्तारण कर 8 लाख की आय अर्जित की गई.


नगर पंचायत ने इस वर्ष बदरीनाथ नगर क्षेत्र के साथ ही मंदिर में सफाई की जिम्मेदारी निभाई. ऐसे में इस वर्ष बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद यहां नगर पंचायत की ओर से 50 पर्यावरण मित्रों की तैनाती में गहन स्वच्छता अभियान चलाया गया. अभियान के दौरान पंचायत की ओर से बदरीनाथ मंदिर परिसर के साथ ही ब्रह्म कपाल, आस्था पथ, तप्त कुंड, मुख्य बाजार के साथ माणा गांव में भी सफाई अभियान चलाया गया. जिससे पर्यावरण मित्रों की ओर से डेढ़ टन अजैविक कचरे का संग्रहण किया गया.


यात्रा काल के दौरान 180.70 टन कूडे़ का किया संग्रहण
वहीं, इस वर्ष पूरे यात्रा काल में नगर पंचायत बदरीनाथ की ओर से 180.70 टन कूडे़ का संग्रहण किया गया. इसमें से पंचायत की ओर से 110.97 टन कचरे का विपणन कर 8 लाख की आय अर्जित की गई है. इसके साथ ही पंचायत की ओर से 29.82 लाख की आय माणा पार्किंग, 1.03 करोड़ ईको शुल्क, 28 लाख की आय हेलीकॉप्टर संचालन और 8 लाख की आय यूजेज चार्जेज के माध्यम से की गई है.


बदरीनाथ धाम में नगर पंचायत को इस वर्ष नगर क्षेत्र के साथ मंदिर परिसर में भी सफाई व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया था. ऐसे में यात्रा समाप्त होने के बाद पंचायत की ओर से दो दिनों तक बदरीनाथ धाम के साथ ही माणा गांव में गहन सफाई अभियान चला कर डेढ़ टन अजैविक कचरा एकत्रित किया गयै. वहीं, यात्रा काल में 110.97 अजैविक कचरे का विपणन कर 8 लाख की आय अर्जित की गई है.


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