देहरादून, एबीपी गंगा। उत्तराखंड में बिगड़ता मौसम केदारनाथ प्रलय की याद दिला रहा है। कई जिलों में पिछले कई घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। उत्तरकाशी में बादल फटने की घटनाओं में कई लोगों की जान तक चली गई है। मोरी के माकुड़ी, आराकोट और काष्ठा में तीन जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। बादल फटने के कारण 17 लोगों की जान चली गई है जबकि कई लापता बताए जा रहे हैं। बादल फटने से यमुना की सहायक नदियों में आयी बाढ़ ने कई गांवों में तबाही मचा दी है, जिससे आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु में कई मकान ढह गये।


उत्तरकाशी जिले के प्रभावित गांवों में एक स्कूल सहित करीब 16 भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये हैं। आराकोट—चिंवा—बालचा मार्ग पर टिकोची बाजार के पास 24 मीटर का पुल और टिकोची—किराणु—दुचाणु मार्ग पर 36 मीटर का पुल भी बादल फटने से क्षतिग्रस्त हो गये। त्यूनी—आराकोट राष्ट्रीय राजमार्ग भी दो—तीन स्थानों पर भूस्खलन का मलबा आने के कारण बंद है। आराकोट के आसपास के क्षेत्र में विद्युत लाइनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण करीब 38 गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गयी है।


स्कूलों में छुट्टी घोषित
लगातार बारिश तथा मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए जिलाधिकारी चौहान ने कक्षा एक से 12 तक के सरकारी, गैर सरकारी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में 19 अगस्त को अवकाश घोषित कर दिया है। देहरादून के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने भी सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।


चारधाम यात्रा प्रभावित
चारधाम यात्रा मार्ग पर भी कई स्थानों पर भूस्खलन होने से यात्रा अवरूद्ध हो गयी है। केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी पर बना एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। ऋषिकेश—केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग रूद्रप्रयाग जिले में बांसवाडा और सिरोबगड में भूस्खलन का मलबा आने से यातायात रूक गया है। इसके साथ ही ऋषिकेश—बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कई जगह भूस्खलन होने से यातायात अवरूद्ध है।