CM केजरीवाल की गिरफ्तार पर बृजभूषण शरण सिंह बोले- '10 या 11 लोग पहले से ही जेल में बंद हैं तो...'
UP News: दिल्ली के सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी होने के बाद बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कोर्ट और जांच एजेंसी का सम्मान करना था. भारत का संविधान को तो उनको मानना ही पड़ेगा.
Gonda News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ED गिरफ्तारी के मामले में कैसरगंज के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना चाहते हुए कहा कि वह ईमानदारी की ताबूत है और अन्ना आंदोलन से पैदा हुए हैं उन्होंने ED की बार-बार नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया. केजरीवाल अन्ना आंदोलन से पैदा हुए नेता है. कम से कम उन्हें कोर्ट और देश की जांच एजेंसी का सम्मान करना चाहिए था.
कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा लगातार अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों से जनसंपर्क किया जा रहा है. कटरा बाजार के बौनापुर गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे बीजेपी सांसद ने मीडिया से बात करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया कहा कि जिस तरीके से भारत की जांच एजेंसी ईडी नोटिस पर नोटिस नोटिस पर नोटिस दे रही थी.और जिस तरीके से अरविंद केजरीवाल के बार-बार ऐसे बयान आ रहे थे. जैसे लगता था कि वह भारत में नहीं है श्रीलंका में है या बांग्लादेश में है या म्यांमार में है.
'भारत का संविधान तो मानना ही पड़ेगा'
ऐसा लगता था कि देश का कानून इनके ऊपर नहीं लागू होता था अरविंद केजरीवाल हो या कोई व्यक्ति हो उसको भारत का संविधान और जो संवैधानिक व्यवस्था है. उस पर विश्वास करना पड़ेगा. आप भले आरोप लगाए. संस्थानों के ऊपर लगाए यह आपका अधिकार है आप आरोप लगाते रहिए.
लेकिन आपको भारत के संविधान को मानना पड़ेगा और देश के अंदर जो भी जांच एजेंसियां है वह संविधान से ही पोषित है उसी से संचालित हो रही है. जिस तरीके से अरविंद केजरीवाल जैसे व्यक्ति ने हल्के ढंग से लिया. ऐसा नहीं करना चाहिए और बाकी सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट है करेगा जो करना होगा.
'कोर्ट और जांच एजेंसी का करना था सम्मान'
दिल्ली की मंत्री आतिशी द्वारा भाजपा की केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपी को लेकर बीजेपी सांसद ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे. हाई कोर्ट गए थे. हस्तक्षेप करने से कोर्ट ने मना कर दिया और इस प्रकरण में शायद 10 या 11 लोग पहले से ही जेल में बंद हैं. तो ऐसे में जिसके साथ भी होता है वह यही कहता है कि हमको परेशान करने के लिए यह सब किया जा रहा है.
तकलीफ यह है कि अरविंद केजरीवाल अन्ना आंदोलन से पैदा हुए हैं और एक दम ईमानदारी की ताबूत है तो कम से कम इनको सम्मान करना चाहिए था. कोर्ट का और देश की जांच एजेंसी का सम्मान इनको करना चाहिए था और बाकी जो फैसला करना होगा कोर्ट करेगा.
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