Dehradun News: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में 15 जून को एक सड़क दुर्घटना में 15 पर्यटकों की मौत के बाद अब प्रदेश सरकार ने सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. पर्वतीय क्षेत्रों में गाड़ी चलाने के लिए शारीरिक परीक्षण के साथ-साथ ड्राइवरों के लाइसेंस में 'हिल एंडोर्समेंट' पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. प्रदेश सरकार ने इसे लेकर परिवहन विभाग को आदेश जारी किया है.


संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत सिंह ने एबीपी लाइव को बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा सहित सभी पर्यटक वाहनों के लिए यह जांच आवश्यक है. अब हरिद्वार और ऋषिकेश में फिजिकल टेस्ट के लिए ऐसे ट्रैक बनाए गए हैं, जो एक या दो महीने में चालू हो जाएंगे.


हादसों के बाद टूटी सरकार की नींद
बता दें कि 15 जून को एक टैंपो ट्रैवलर राष्ट्रीय राजमार्ग से फिसलकर अलकनंदा नदी में गिर गया था. इस दुर्घटना में 15 लोगों की मौत हुई थी और 11 घायल हो गए थे. इससे पहले 11 जून को उत्तरकाशी जिले के गंगानी में एक बस खाई में गिर गई थी, जिसमें तीन महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे. वहीं एक और हादसे में 4 लोगो की मौत हुई थी. इन घटनाओं के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को पहाड़ों में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सभी निर्धारित प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया.


उन्होंने पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों से वाहनों की यांत्रिक स्थिति की जांच करने, लाइसेंस जारी करने से पहले चालकों का कड़ाई से परीक्षण करने को कहा है. सीएम धामी ने ग्रीन कार्ड जारी करने में सावधानी बरतने और तेज गति से गाड़ी चलाने, अनुमति से अधिक यात्रियों को ले जाने और शराब के नशे में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है. सड़क हादसों से निबटने के लिए सरकार सख्ती बरतना शुरू कर चुकी है.


ये भी पढ़ें: नोएडा में थूक मिलाकर जूस बेचने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार, इन धाराओं के तहत मामला दर्ज