Uttarakhand News: उत्तरकाशी (Uttar Kashi) के डामटा में हुई बस दुर्घटना (Bus Accident) के बाद अब सरकार सतर्क हो गई है. सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) इसपर नजर बनाए हुए हैं. वहीं उन्होंने चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) मार्गों पर निगरानी के लिए कमेटी का गठन किया है ताकि बरसात से पहले सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर दिया जाए. डामटा की घटना से सबक लेते हुए सरकार बरसात के मौसम से पहले ऐसे पॉइंट चिह्नित करने पर ध्यान दे रही है जहां इस तरह की घटनाएं होने की संभावनाएं बनी रहती हैं.
जुलाई की बारिश से पहले एक्टिव हो रहा प्रशासन
उत्तराखंड में बारिश का मौसम आफत लेकर आता है. राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है. ऐसी स्थिति को देखते हुए सरकार पहले से ही एक्टिव नजर आ रही है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक 1 जनवरी से लेकर अब तक तकरीबन 57 बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी है जिसमें 108 लोगों की मौत हुई है और 100 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. दुर्घटना पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा मार्गों में मॉनिटरिंग के लिए कई विभागों की एक कमेटी का गठन किया है. उन्होंने यात्रा मार्गो पर सभी तरह की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं.
आपदा प्रबंधन के अपर सचिव आर एस श्रीवास्तव ने बताया कि घटना के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है. एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीमों की अलग अलग स्थानों पर एक्टिव करा दिया है.
आंकड़ों से जानें दुर्घटना का हाल
इस साल अभी तक 57 दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमें 108 लोगों को मौत हो गई है. डामटा की दुर्घटना में 26 यात्रियों की मौत हुई है जबकि 4 लोग घायल हुए हैं वही चंपावत जिले में कुल 4 घटनाएं हुई हैं जिसमें करीब 21 लोगों की मौत और 9 लोग घायल हुए हैं. पिथौरागढ़ की बात करें तो इस साल अब तक करीब 18 घटनाएं हुई जिसमें 16 लोगों की मौत हुई है और 31 लोग घायल हुए हैं. टिहरी जिले में अभी तक 20 घटनाएं हुई हैं जिसमें 29 लोगों की मौत हुई है और 15 लोग घायल हुए हैं. उत्तरकाशी जिले में इस साल अभी तक 13 घटनाएं हुई हैं जिसमें 42 लोगों की मौत और 45 लोग घायल हुए हैं.
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