Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होम गार्ड फाउंडेशन दिवस के अवसर पर होम गार्ड जवानों के लिए कई कल्याणकारी घोषणाएं कीं. मुख्यमंत्री ने बताया कि 9,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात होम गार्ड जवानों को पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवानों की तरह 200 रुपये प्रतिदिन का प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा.
यह घोषणा देहरादून स्थित होम गार्ड मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान की गई. धामी ने कहा कि राज्य सरकार होम गार्ड जवानों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह भी बताया कि सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष पूरी करने पर होम गार्ड स्वयंसेवकों को दी जाने वाली राशि में 50,000 रुपये की वृद्धि की जाएगी.
अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता का ऐलान
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के साथ तैनाती के दौरान प्रशिक्षित होम गार्ड जवानों को 100 रुपये प्रतिदिन का अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा. यह कदम होम गार्ड के जवानों के कार्यों की सराहना और उनकी सेवा की मान्यता के रूप में उठाया गया है.
कार्यक्रम में धामी ने घोषणा की कि होम गार्ड विभाग के राजपत्रित और अराजपत्रित अधिकारियों की तरह होम गार्ड जवानों को भी हर साल वर्दी भत्ता दिया जाएगा. इस कदम से जवानों को आर्थिक सहयोग मिलने के साथ ही उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी.
मुख्यमंत्री ने होम गार्ड जवानों की सेवा भावना और उनके साहस की सराहना करते हुए कहा कि वे हमेशा विपरीत परिस्थितियों में देश और राज्य की सेवा के लिए तैयार रहते हैं. उन्होंने विशेष रूप से परेड में बड़ी संख्या में महिला होम गार्ड जवानों की भागीदारी को महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताया.
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सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्रयासरत- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम गार्ड विभाग राज्य के आपदा प्रबंधन और अन्य आपातकालीन सेवाओं में अहम भूमिका निभाता है. राज्य सरकार उनके कल्याण और उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. कार्यक्रम में राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, होम गार्ड के जवान, और महिला होम गार्ड बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. इस अवसर पर जवानों ने अनुशासित परेड का प्रदर्शन कर अपनी क्षमता का परिचय दिया
मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से होम गार्ड जवानों का मनोबल बढ़ेगा और उनकी सेवाओं को और अधिक मजबूती मिलेगी. राज्य में आपदा प्रबंधन और अन्य सेवाओं में उनकी भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है.