उत्तराखंड में सूख चुकी 5 नदियों को फिर से किया जाएगा जीवित, धामी सरकार का आदेश
Uttarakhand Latest News: उत्तराखंड में नदियां सूख चुकी हैं, जिसको फिर से आबाद करने के लिए धामी सरकार ने अहम फैसला लिया है. इन नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए अलग से स्टाफ की तैनाती की जाएगी.
Uttarakhand River News: उत्तराखंड में कई नदियां ऐसी है जो धीरे-धीरे सूख चुके हैं इन नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए उत्तराखंड सरकार अब काम करना शुरू कर चुकी है. इसको लेकर शासन में एक हाई लेवल मीटिंग की गई, जिसमें बताया गया कि उत्तराखंड की पांच नदियों को पुनर्जीवित किया जाएगा. इन नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए अलग से स्टाफ की तैनाती की जाएगी साथ ही प्रदेश में 5 हजार से ज्यादा ऐसे जल कुंड हैं, जिनको दोबारा से पुनर्जीवित करने को लेकर राज्य सरकार काम करना शुरू कर रही है.
उत्तराखंड की सौंग समेत पांच नदियों का सरकार सबसे पहले पुनर्जीवीकरण करेगी. जलस्रोतों, नदियों और जल धाराओं को पुनर्जीवित करने के लिए सालाना लक्ष्य तय किए जाएंगे, जिसकी निगरानी के लिए अलग से स्टाफ भी तैनात किया जाएगा. इसको लेकर शासन में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में एक हाई लेवल मीटिंग हुई, जिसमें अधिकारियों को जल्द इस दिशा में काम करें के लिए आदेशित किया गया है.
उत्तराखंड में जल स्रोतों को किया जाएगा पुनर्जीवित
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि सूख रहे जल स्रोतों, नदियों और जल धाराओं का शीघ्र चिह्नीकरण करते हुए इन पर काम शुरू किया जाए. इस परियोजना के मूल्यांकन के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया जाए. साथ ही मूल्यांकन और निगरानी के लिए अलग से स्टाफ की तैनाती की जाए. साथ ही उन्होंने ये भी निर्देश दिए हैं कि राज्य और जिला स्तर पर प्राधिकरण के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों का श्रेणीकरण करते हुए प्रत्येक वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाए. इस वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक कार्य योजना अगले एक माह में तैयार कर प्रस्तुत की जाए.
दिशा निर्देश जारी
साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि इस परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए जागरूकता के लिए भी अभियान चलाया जाए. लोग जितने जागरूक होंगे इस परियोजना के सफल होने की उतनी ही संभावना है बढ़ेंगे. इसको लेकर भी अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.
नदियों को पुनर्जीवत करने का लक्ष्य तय
वहीं सारा की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीना ग्रेवाल ने एबीपी लाइव को बताया कि प्रदेश में अप्रैल 2024 से अगस्त 2024 तक जल संरक्षण अभियान आयोजित किया जा रहा है. 10 से 16 जून 2024 तक जल उत्सव सप्ताह का भी आयोजन किया गया था. बता दें कि प्रदेशभर में उपचार के लिए अभी तक कुल 5428 जल स्रोत चिह्नित किए गए हैं. इन सभी को पुनर्जीवित करने का एक लक्ष्य तय किया गया है.
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