Pushkar Singh Dhami on Election: उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी को छोड़कर राज्य में अन्य सभी पार्टियों का एजेंडा केवल चुनाव है और वह प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं. धामी ने कहा, ‘‘बीजेपी को छोड़कर सभी पार्टियां उत्तराखंड में चुनाव के लिए काम कर रही हैं. ये साढ़े चार साल गायब रहती हैं और अंत में चुनाव के समय आकर अपनी घोषणाएं करना शुरू कर देती हैं, इसलिए उनका एजेंडा केवल चुनाव है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘हमारा एजेंडा केवल चुनाव नहीं है. हम प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं. मोदी जी ने हमें ‘विजन-2025’ दिया है. जब 2025 में राज्य 25 वर्ष का होगा, तब यह हर क्षेत्र में आगे होगा और हिंदुस्तान का एक आदर्श राज्य होगा. मोदी ने स्वयं कहा है और वह इसके लिए प्रयासरत हैं. हम इसे साकार बनाने के लिए प्रयासरत हैं. इसके लिए हम सभी का आशीर्वाद चाहते हैं, जो मिल भी रहा है.’’


यशपाल आर्य के बीजेपी छोड़ने पर भी बोले धामी
दलित नेता यशपाल आर्य के बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे बीजेपी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी एक लोकतांत्रिक और संगठन आधारित पार्टी है. हमारी पार्टी ‘देश प्रथम, पार्टी द्वितीय और व्यक्ति अंतिम’ के सिद्धांत पर काम करती है और हमारा लक्ष्य प्रदेश को आगे बढाना है.’’ उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता इस आधार पर काम नहीं करते कि कौन आता है और कौन जाता है तथा वे इस आधार पर काम करते हैं कि देश और प्रदेश के लिए क्या अच्छा है.


कांग्रेस के दल-बदल को बढ़ावा नहीं देने, लेकिन बीजेपी की ऐसी गतिविधियों का जवाब देने से न चूकने संबंधी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए धामी ने कहा, ‘‘एक तरफ हरीश रावत कहते हैं कि हम दल-बदल को बढ़ावा नहीं देंगे और दूसरी तरफ वह ऐसा कर भी रहे हैं.’’ कांग्रेस महासचिव रावत ने कहा था कि कांग्रेस दल-बदल को बढ़ावा नहीं देती और उत्तराखंड के लिए इसे अशुभ मानती है लेकिन ‘‘अगर बीजेपी दल-बदल की गेंद से हमारे साथ खेलेगी, तो हम भी चूकेंगे नहीं.’’ धामी ने कहा, ‘‘यदि लोग उनकी पसंद के हैं तो वे कहते हैं कि आ जाइए और पसंद के नहीं हैं तो उनके लिए अपने मानक बना देते हैं.’’


किसान आंदोलन के कारण चुनावों में बीजेपी को नुकसान पहुंचने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर धामी ने सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि वह एक सैनिक परिवार के होने के साथ ही स्वयं एक किसान भी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सभी किसान हमारे भाई हैं और हम आपस में मिलते-जुलते और बात करते रहते हैं. हम एक परिवार है. चुनाव एक अलग विषय है. मैं उनके बीच से हूं और मुझे लगता है कि वे ऐसा सोचेंगे भी नहीं.’’


देवस्थानम बोर्ड को लेकर दी ये प्रतिक्रिया
चारधाम प्रबंधन देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने को लेकर पुरोहितों के आंदोलन के बारे में धामी ने कहा कि वह स्वयं सबसे बात कर रहे हैं और इस संबंध में वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में बनी समिति सभी पक्षों को सुनकर नवंबर तक अपनी रिपोर्ट दे देगी. 


"पलायन पर काम कर रही सरकार"
पलायन के मुददे पर धामी ने कहा कि वन अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक एस एस नेगी की अध्यक्षता में बने पलायन आयोग ने इस पर काम किया है और कई रिपोर्ट तैयार की हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम पलायन रोकने के लिए स्वरोजगार जैसी योजनाएं लाकर नए सिरे से काम कर रहे हैं ताकि लोगों को काम मिले, उनकी आजीविका चल सके.’’


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