Mussoorie Firing Martyrs: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 30 साल पहले पृथक राज्य की मांग को लेकर मसूरी में हुए आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले आंदोलनकारियों को सोमवार को श्रद्धाजंलि अर्पित की और कहा कि उन्हीं की बदौलत उत्तराखंड अलग राज्य बन सका. मुख्यमंत्री ने मसूरी में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि 1994 में एक सितंबर को खटीमा कांड, दो सितंबर को मसूरी कांड और दो अक्टूबर को रामपुर तिराहा कांड हुआ और ये तीनों दिन हमारे राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हैं जब शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन को बर्बरतापूर्ण कुचलने का काम तत्कालीन सरकार ने किया था.


उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों ने जो सपने उत्तराखंड के लिए देखे थे, उन्हें पूरा करने का कार्य राज्य सरकार कर रही है. धामी ने कहा, ''शहीद आंदोलनकारियों ने एक ऐसे उत्तराखंड के सपने देखे थे जहां सबको समान अधिकार मिले. इसी लक्ष्य को लेकर राज्य सरकार आगे बढ़ रही है.'' धामी ने कहा कि हाल में जारी नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है जबकि राज्य में विकास के साथ पर्यावरण संतुलन पर भी विशेष ध्यान देते हुए सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) की शुरुआत की गई है.






उन्होंने कहा कि इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं और आने वाले 10 वर्षों में प्रदेश अपने विकास और उन्नति के चरम पर होगा. धामी ने कहा कि सरकार ने नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू की है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलन में नारी शक्ति की बड़ी भूमिका रही है और इसी के दृष्टिगत राज्य सरकार ने महिलाओं को राज्य की सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है. धामी ने कहा कि राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून, जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़ा कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में जनसांख्यिकी में बदलाव न हो, इसके लिए 'लैंड जिहाद' पर कठोर कार्रवाई की गई.


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