Uttarakhand UCC: 'किसी वर्ग को नहीं बनाया जाएगा निशाना', उत्तराखंड में UCC लागू करने पर बोले सीएम धामी
Uttarakhand News: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इंदौर में उत्तराखंड सांस्कृतिक संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया. जहां उन्होंने यूसीसी लागू करने को लेकर बड़ी बात कही.

Uttarakhand Uniform Civil Code: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि उत्तराखंड में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का उद्देश्य किसी भी वर्ग को खुश करना या किसी समुदाय को टारगेट करना नहीं है. उनका कहना है कि समान नागरिक संहिता के लागू होने से समाज के सभी वर्ग सशक्त होंगे.
दरअसल उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान इंदौर में उत्तराखंड सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे. जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के सवाल पर अपना पक्ष रखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करना सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का संकल्प था और मतदाताओं ने इसके लिए पार्टी को अपना समर्थन दिया है.
सभी वर्गों का होगा सशक्तिकरण
सीएम धामी ने इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि जिन लोगों ने तुष्टिकरण की नीति के आधार पर लंबे समय तक देश पर शासन किया, वे यूसीसी के बारे में उत्तराखंड के आम लोगों के बीच शक पैदा कर रहे हैं. उन्होंने साफतौर पर कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के लागू होने से सभी वर्गों के सशक्तिकरण में मदद मिलेगी. सीएम धामी ने आश्वासन देते हुए कहा कि इसके तहत किसी भी वर्ग का आरक्षण, वैवाहिक अधिकार, रीति-रिवाज आदि प्रभावित नहीं होंगे.
यूसीसी के लिए बनाई गई समिति
बता दें कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू किए जाने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. जिसने पिछले डेढ़ साल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के 2.34 लाख लोगों से यूसीसी पर सुझाव मांगे हैं. जिसमें से 20,000 लोगों से सीधे तौर पर मिलकर चर्चा की गई है. सीएम धामी का कहना है कि समिति की ओर से अपना काम पूरा करने के बाद हम शेष औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.
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