देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी के लिये बड़ा सवाल सामने है कि, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आखिर कहां से चुनाव लड़ाया जाए. वहीं, संगठन के सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. इसकी चर्चा भी तेज है. उत्तराखंड बीजेपी में इस मुद्दे पर जबरदस्त मंथन चल रहा है. बता दें कि, नेतृत्व परिवर्तन के तीन महीने हो गये हैं और अभी यह तय नहीं हो पाया है कि वे कहां से चुनाव लड़ेंगे? पार्ट पर दबाव ये भी है कि जल्द चुनाव कराना है क्योंकि, तीन महीने बचे हैं, यानी 10 सितंबर तक उन्हें चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचना है.
सीट को लेकर असमंजस
अगर एक सूरत ऐसी बनती है तो संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा हालांकि, बीजेपी के पास अब भी पर्याप्त वक्त है. संगठन के कई नेताओं का ये भी कहना है कि अगर चुनाव नहीं लड़ पाते हैं तो विधानसभा भंग कर विधानसभा चुनाव तक वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. आपको बता दें कि, गंगोत्री सीट से विधायक की मृत्यु के बाद ये खाली है और यहां पर उपचुनाव होना है, इसलिये यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरो पर है. रावत पर दबाव बनता जा रहा है कि इस सीट से चुनाव लड़े. हालांकि, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी एक दो दिन में इस पर अपना अंतिम निर्णय ले लेगी.
ये हो सकते हैं विकल्प
एक सूरत ये भी है कि, अगर तीरथ सिंह रावत गंगोत्री से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो पहले विकल्प के तौर पर यमकेश्वर सीट खाली कराकर ऋतु खंडूरी को लोकसभा का चुनाव लड़वाया जाए और फिर रावत यहां से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे. दूसरी तरफ अन्य विकल्प में सतपाल महाराज को इस्तीफा दिलवाकर उन्हें लोकसभा भेजा जाए और तीरथ सिंह यहां से चुनाव लड़ें. हालांकि, ये सब कयास ही हैं लेकिन ये बात तय है कि बीजेपी संगठन में चुनाव लड़ने की जगह को लेकर असमंजस की स्थिति है.
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