देहरादून: महाराष्ट्र और गोवा के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को उत्तराखंड आने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा सरकारी विमान के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दिए जाने से विवाद शुरू हो गया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे सत्ता का दुरुपयोग बताया और कहा कि अगर कोश्यारी चाहेंगे तो राज्य सरकार उन्हें वापसी के लिए सरकारी विमान देगी.
मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ''मैं समझता हूं कि यह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल है जो अच्छा नहीं है.'' उन्होंने कहा कि राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं होता बल्कि वह राज्य का संवैधानिक मुखिया और राष्ट्रपति का प्रतिनिधि होता है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मर्यादाओं और परंपराओं का ख्याल रखा जाना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि क्या कोश्यारी को मुंबई वापसी पर उत्तराखंड सरकार अपना विमान उपलब्ध कराएगी, मुख्यमंत्री ने कहा, ''वह मागेंगे तो हम उन्हें देंगे.''
कोश्यारी को सरकारी विमान से उतरना पड़ा था
गुरुवार को देहरादून आने के लिए मुंबई में कोश्यारी 20 मिनट तक सरकारी विमान में बैठे इंतजार करते रहे लेकिन महाराष्ट्र सरकार से उसके इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिलने के बाद उन्हें उससे उतरना पड़ा. बाद में वह दूसरे विमान से देहरादून आए. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी शुक्रवार को मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आईएएस अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के लिए पहुंचे थे.
उधर, उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष बंशीधर भगत ने राज्यपाल कोश्यारी के साथ किये गए दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार लगातार लोकतंत्र का गला घोंटने में लगी है. भगत ने कहा, ''इस शर्मनाक कृत्य से महाराष्ट्र सरकार का असली चेहरा उजागर हुआ है. राज्यपाल जैसे संविधान के प्रहरी के साथ इस तरह का व्यवहार करके महाराष्ट्र सरकार ने अपने आचरण से साबित कर दिया है कि संवैधानिक संस्थाओं में उसका कितना विश्वास है.''
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